logo-image

आलू उत्पादन और एक्सपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया बड़ा बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि आलू की उत्पादकता के मामले में गुजरात देश का पहले नंबर का राज्य है और प्रदेश के किसान इसलिए अभिनंदन के अधिकारी हैं.

Updated on: 28 Jan 2020, 03:41 PM

गांधीनगर:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को कहा कि बीते दो दशकों में गुजरात देश में आलू का उत्पादन और निर्यात का हब बनकर उभरा है. प्रधानमंत्री वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए यहां आयोजित तीन दिवसीय विश्व आलू सम्मेलन-2020 (Global Potato Conclave) को संबोधित कर रहे थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि आलू की उत्पादकता के मामले में गुजरात देश का पहले नंबर का राज्य है और प्रदेश के किसान इसलिए अभिनंदन के अधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि बीते 10-11 साल में जहां भारत का कुल आलू उत्पादन 20 फीसदी की दर से बढ़ा है, वहीं गुजरात में 170 फीसदी की दर से बढ़ा है.

यह भी पढ़ें: Bank Strike: इस हफ्ते तीन दिन बंद हैं बैंक, बैंक यूनियनों की हड़ताल का असर

सिंचाई की आधुनिक तकनीक और नीतिगत पहल से आलू उत्पादन बढ़ा
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में आलू उत्पादन की क्वांटिटी और क्वालिटी में यह वृद्धि बीते दो दशक में की गई नीतिगत पहल, नीगितगत फैसले और सिंचाई की आधुनिक और पर्याप्त सुविधाओं के कारण हुई है. उन्होंने कहा कि बेहतर नीतिगत फैसलों के कारण आज देश के बड़े आलू प्रसंस्करण इकाइयां गुजरात में हैं और ज्यादातर आलू निर्यात भी गुजरात से होता है. उन्होंने कहा कि गुजरात में कोल्ड स्टोरेज का एक बड़ा और आधुनिक नेटवर्क है, जिनमें अनेक विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हैं. साथ ही, सुजलां सुफलां और सौणी योजना के माध्यम से गुजरात के उन क्षेत्रों में भी सिंचाई की सुविधा पहुंची है जो कभी सूखे से प्रभावित रहते थे.

यह भी पढ़ें: Budget 2020: महंगे हो सकते हैं ये जरूरी सामान, इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का हो सकता है ऐलान

गांधीनगर में मंगलवार को तीसरे विश्व आलू सम्मेलन का आगाज हुआ. तीन दिवसीय इस सम्मेलन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री जब सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, उस समय वहां गुजरात के मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला समेत कृषि विभाग के अधिकारी और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा मौजूद थे.