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पेट्रोल-डीजल की महंगाई से राहत के फिलहाल आसार नहीं, फिर बढ़े दाम

एक दिन के विराम के बाद रविवार को पेट्रोल के दाम में फिर 13 से 15 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई, जबकि डीजल के दाम में लगातार चौथे दिन बढ़ोतरी की गई.

Updated on: 29 Dec 2019, 01:35 PM

highlights

  • एक दिन बाद रविवार को पेट्रोल के दाम फिर 13 से 15 पैसे प्रति लीटर बढ़ें.
  • इन चार दिनों में डीजल 60 पैसे प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो गया है.
  • पेट्रोल और डीजल की महंगाई आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है.

नई दिल्ली:

पेट्रोल और डीजल की महंगाई से राहत मिलने के आसार फिलहाल नहीं दिखाई दे रहे हैं. एक दिन के विराम के बाद रविवार को पेट्रोल के दाम में फिर 13 से 15 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई, जबकि डीजल के दाम में लगातार चौथे दिन बढ़ोतरी की गई. इन चार दिनों में डीजल 60 पैसे प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो गया है. तेल विपणन कंपनियों ने रविवार को दिल्ली और कोलकता में डीजल के दाम में 19 पैसे, जबकि मुंबई में 20 पैसे और चेन्नई में 21 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की. वहीं, पेट्रोल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 14 पैसे, मुंबई में 13 पैसे और चेन्नई में 15 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है.

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अब ये हो गए दाम
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम बढ़कर क्रमश: 74.88 रुपये, 77.54 रुपये, 80.53 रुपये और 77.85 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं. वहीं, चारों महानगरों में डीजल की कीमत बढ़कर क्रमश: 67.60 रुपये, 70.02 रुपये, 70.93 रुपये और 71.48 रुपये प्रति लीटर हो गई है. लगातार चार दिनों की वृद्धि के बाद दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल के दाम में क्रमश: 61 पैसे, 62 पैसे, 65 पैसे और 66 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है.

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और बढ़ सकती हैं कीमतें
बाजार के जानकारों की माने तो पेट्रोल और डीजल की महंगाई आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस महीने कच्चे तेल के दाम में सात डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा का इजाफा हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर बीते सप्ताह बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का फरवरी डिलीवरी अनुबंध 68.15 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जो तीन दिसंबर को 60.82 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था. देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में होने वाले उतार-चढ़ाव से प्रेरित होता है, क्योंकि भारत अपनी तेल जरूरतों का 80 फीसदी से ज्यादा आयात करता है.