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महंगी दाल से निपटने के लिए मोदी सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

मोदी (Narendra Modi) सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान चार लाख टन तक उड़द दाल (Urad) के इंपोर्ट की अनुमति दी है. यह आयात दाल मिलों और रिफाइनर को दी गई है.

Updated on: 23 Dec 2019, 11:27 AM

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान चार लाख टन तक उड़द दाल (Urad) के इंपोर्ट की अनुमति दी है. यह आयात दाल मिलों और रिफाइनर को दी गई है ताकि दाल आपूर्ति बढ़ाई जा सके और इसके दाम काबू में रखे जा सकें. इससे पहले सरकार ने मार्च 2020 तक डेढ लाख टन उड़द दाल के आयात की अनुमति दी थी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की यहां जारी अधिसूचना के मुताबिक उड़द के लिए सालाना आयात कोटा चार लाख टन तक रखा गया है.

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उड़द का आयात सिर्फ मिलों, रिफाइनरी तक रहेगा सीमित
कोटा प्रतिबंध के तहत उड़द का आयात सिर्फ मिलों, रिफाइनरी तक ही सीमित रहेगा. इसमें कहा गया है कि यह प्रतिबंध, सरकार के किसी भी द्विपक्षीय अथवा क्षेत्रीय समझौते के तहत की गई आयात प्रतिबद्धताओं पर लागू नहीं होगा. भारतीय दलहन एवं अनाज संघ (IPGA) के चेयरमैन जीतू भेडा ने उड़द दाल के आयात नियमों में राहत देने की मांग की है.

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इस बीच, सरकार ने तय किया है कि घरेलू स्तर पर आपूर्ति बढ़ाने और दाम में स्थायित्व बनाये रखने के लिये वह अपने बफर स्टॉक से 8.47 लाख टन दलहन का स्टॉक जारी करेगी. केन्द्र सरकार ने 3.2 लाख टन तूर (अरहर) दाल, दो लाख टन उड़द, 1.2 लाख टन चना, डेढ़ लाख टन मूंग और 57 हजार टन मसूर दाल जारी करने की पेशकश की है.

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गौरतलब है कि ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से अनुरोध किया था कि उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेष, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ सहित अनेक राज्यों में अधिक बारिष और निरंतर तेज बारिश होने के कारण देष में उड़द की फसल खराब हो गई है, जिसके कारण उड़द के उत्पादन में काफी कमी आ गई है, इस वजह से दाल मिलों को चलाना संभव नहीं हो पा रहा है. इसलिए विदेशों से उड़द मंगाने के लिए दाल इंडस्ट्रीज को लाइसेंस जारी करने का आग्रह किया था. (इनपुट भाषा)