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दाल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने बनाई ये खास योजना

सरकार मूल्य स्थिरीकरण कोष (Price Stabilisation Fund-PSF) के तहत चालू सीजन 2019-20 में दालों (अप्रसंस्कृत दाल) का बफर स्टाक 19.50 लाख टन बनाएगी.

Updated on: 14 Jan 2020, 09:51 AM

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार मूल्य स्थिरीकरण कोष (Price Stabilisation Fund-PSF) के तहत चालू सीजन 2019-20 में दालों (अप्रसंस्कृत दाल) का बफर स्टाक 19.50 लाख टन बनाएगी, जोकि पिछले साल के 16.15 लाख टन के मुकाबले 20.74 फीसदी अधिक है. आधिकारिक सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय में सचिव अविनाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली मूल्य स्थिरीकरण कोष प्रबंधन समिति (पीएसएफएमसी) ने इस साल दाल का बफर स्टॉक बढ़ाने का फैसला लिया है.

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19.50 लाख टन दालों का बफर स्टॉक बनाएगी सरकार
पीएसएफएमसी के फैसले के अनुसार 2019-20 में सरकार 19.50 लाख टन दालों का बफर स्टॉक (Buffer Stock) बनाएगी, जिसमें सबसे ज्यादा तुअर का बफर स्टॉक करीब 10 लाख टन होगा. इसके अलावा, उड़द का बफर स्टॉक करीब चार लाख टन, मसूर का 1.5 लाख टन, मूंग का एक लाख टन और चना का बफर स्टॉक तीन लाख टन होगा. केंद्र सरकार दालों के दाम को नियंत्रण में रखने के मकसद से पीएसएफ के तहत दालों का बफर स्टॉक बनाती है और बाजार में दालों का दाम बढ़ने की स्थिति में बफर स्टॉक से उपलब्धता बढ़ाकर कीमतों में स्थिरता बनाए रखने की कोशिश करती है. हाल में दालों के दाम में वृद्धि होने पर पिछले महीने उपभोक्ता मंत्रालय ने बफर स्टॉक से 8.47 लाख टन दाल राज्यों को बेचने का फैसला लिया था.

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बारिश की वजह से खरीफ दालों को हुआ था नुकसान
इस साल मानसून के आखिरी दौर में मध्यप्रदेश समेत अन्य दलहन उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के कारण खरीफ सीजन की दलहन फसल उड़द और मूंग की फसल को नुकसान हुआ, जिससे उत्पादन में कमी आने का अनुमान है. हालांकि चालू रबी बुवाई सीजन में दलहन फसलों का रकबा पिछले साल से 6.79 लाख हेक्टेयर यानी 4.6 फीसदी बढ़कर 151.26 लाख हेक्टेयर हो गया है. रबी सीजन की प्रमुख दलहन फसल चना की बुवाई पिछले साल से 8.11 लाख हेक्टेयर यानी 8.6 फीसदी बढ़कर 102.39 लाख हेक्टेयर हो गया है.