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आम आदमी के लिए बड़ी खुशखबरी, 4 रुपये सस्ता हो सकता है पेट्रोल और डीजल, जानिए वजह

एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले 1 महीने में पेट्रोल करीब 2 रुपये सस्ता हो गया है और अगले 2 हफ्ते में पेट्रोल की कीमतों में 4 रुपये तक की गिरावट आ सकती है.

Updated on: 17 Feb 2020, 10:18 AM

नई दिल्ली:

Petrol Diesel News: चीन में फैले कोरोनावायरस (Coronavirus) के प्रकोप की वजह से ऑयल की मांग नरम रहने से कीमतों में ज्यादा तेजी के आसार नहीं हैं. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) का अनुमान है कि इस साल की पहली तिमाही में कच्चे तेल की वैश्विक खपत मांग पिछले साल के मुकाबले 4.35 लाख बैरल घट सकती है. बता दें कि चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप महामारी का रूप ले चुका है और इसकी चपेट में आने से 1,600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले 1 महीने में पेट्रोल करीब 2 रुपये सस्ता हो गया है और अगले 2 हफ्ते में पेट्रोल की कीमतों में 4 रुपये तक की गिरावट आ सकती है.

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मांग घटने से कीमतों पर रहेगा दबाव
तेल उत्पादक देशों का संगठन ओपेक और रूस द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में अतिरिक्त कटौती करने के संकेत दिए जाने से बीते सप्ताह कीमतों में तेजी आई, लेकिन जानकार बताते हैं कि मांग घटने के कारण कीमतों पर दबाव बना रह सकता है. ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा (Narendra Taneja) ने कहा कि कोरोनावायरस से चीन में परिवहन व्यवस्था और उद्योग-धंधे प्रभावित हुए हैं, जिसके कारण कच्चे तेल की मांग काफी घट गई है। इसलिए कीमतों पर दबाव बना रहेगा. तेल की घटती कीमतों को थामने के मकसद से ओपेक और रूस द्वारा उत्पादन में छह लाख बैरल अतिरिक्त कटौती करने के संकेत दिए जाने से कीमतों पर पड़ने वाले असर को लेकर पूछे गए सवाल पर तनेजा ने कहा, "ओपेक और रूस द्वारा तेल के उत्पादन में अगर कटौती की जाती है तो भी मुझे नहीं लगता है कि तेल की कीमत वापस 60 डॉलर प्रति बैरल तक जाएगी.

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ओपेक और रूस अगर अतिरिक्त छह लाख बैरल रोजाना तेल के उत्पादन में कटौती का फैसला लेता है तो उत्पादन में उसकी कुल कटौती 23 लाख बैरल रोजाना हो जाएगी, यही कारण है कि बीते सप्ताह तेल के दाम में तेजी देखने को मिली. हालांकि तनेजा का कहना है कि कोरोनावायरस के प्रकोप के असर से जब तक चीन की अर्थव्यवस्था उबरकर वापस पटरी पर नहीं आएगी तब तक तेल के दाम पर दबाव बना रहेगा. उन्होंने कहा कि तेल का लिंक बहरहाल चीन में कोरोनावायरस और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति चुनाव है और वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहेंगे कि तेल कीमतें नियंत्रण में रहे, क्योंकि अमेरिका में वहीं राष्ट्रपति दोबारा चुना जाता है जो तेल के दाम को नीचे रखता है.

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एंजेल ब्रोकिंग (Angel Broking) डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी एवं करेंसी) अनुज गुप्ता (Anuj Gupta) के मुताबिक अगले कुछ दिनों में कोरोना वायरस की वजह से बेंट क्रूड का दाम 56 डॉलर प्रति बैरल से लुढ़ककर 50 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक आ सकता है. उनका कहना है कि न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (NYMEX) पर अमेरिकी लाइट क्रूड 52.23 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर 48 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है. अनुज कहते हैं कि अगले 2 हफ्ते में पेट्रोल के दाम में 4 रुपये तक की गिरावट आ सकती है, वहीं डीजल भी इसी अनुपात में सस्ता हो सकता है.

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दशक में पहली बार सालाना मांग में कमी
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में 2020 की पहली तिमाही में तेल की वैश्विक मांग अनुमान में पिछले साल के मुकाबले 4.35 लाख बैरल की कटौती की है. बीते एक दशक में यह पहला मौका होगा, जब तेल की सालाना मांग में कमी दर्ज की जाएगी. इससे पहले एजेंसी ने तेल की खपत मांग में पिछले साल के मुकाबले आठ लाख बैरल रोजाना का इजाफा होने का अनुमान लगाया था. आईईए के अनुसार, 2020 में पूरे साल के दौरान तेल की मांग में वृद्धि महज 8.25 लाख बैरल रोजाना होने का अनुमान है, जोकि पिछले अनुमान से 3.65 लाख बैरल कम है. इस प्रकार 2011 के बाद तेल की सालाना मांग में यह सबसे कम वृद्धि होगी.