Flashback 2019: प्याज ने आम आदमी के साथ ही सरकार के भी निकाले आंसू
Flashback 2019: 2019 में प्याज को लेकर हर तरफ चर्चा रही. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से लेकर राज्य सरकारों द्वारा प्याज की कीमतों पर लगाम लगाने के प्रयास सफल होते नहीं दिखे.
नई दिल्ली:
Flashback 2019: हाल के दिनों में हुई बारिश की वजह से प्याज के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. देश की राजधानी दिल्ली में खुदरा प्याज 150 रुपये किलो तक बिक रहा है. जानकार अभी कीमतों में और तेजी की संभावना जता रहे हैं. आजादपुर एग्रीकल्चलर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी के एक अधिकारी के मुताबिक अगर अफगानिस्तान से प्याज नहीं आई होती तो दिल्ली में प्याज का भाव आज 200 रुपये किलो तक चला गया था. आजादपुर मंडी में मंगलवार को प्याज की कुल आवक 566.5 टन थी, जिसमें विदेशी प्याज 279.1 टन था.
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2019 में हरतरफ प्याज की चर्चा रही
बता दें कि 2019 में प्याज को लेकर हर तरफ चर्चा रही. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से लेकर राज्य सरकारों द्वारा प्याज की कीमतों पर लगाम लगाने के प्रयास सफल होते नहीं दिखे. प्याज ने जहां आम आदमी के किचन का बजट बिगाड़ने का काम किया. वहीं दूसरी ओर कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर सरकार की भी काफी आलोचना हुई. आइये जानने की कोशिश करते हैं कि 2019 में सरकार ने प्याज कीमतों की तेजी को रोकने के लिए क्या-क्या प्रयास किए.
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2019 में सरकार ने कीमतों पर लगाम के लिए क्या-क्या प्रयास किए
- आयात सहित विभिन्न उपायों से प्याज की आपूर्ति में सुधार लाने का प्रयास कर रही है सरकार
- एमएमटीसी ने तुर्की से 11 हजार टन प्याज आयात करने का नया ठेका दिया था
- सरकार ने 1.2 लाख टन प्याज आयात करने के खाद्य मंत्रालय के निर्णय को मंजूरी दी थी
- नवंबर में सरकार ने एक लाख टन प्याज आयात करने का फैसला लिया था
- सप्लाई बढ़ाकर प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने का प्रयास
- सरकार ने प्याज की सप्लाई बढ़ाने के लिए आयात नियमों को आसान बनाया
- जमाखोरी रोकने के प्रयास में तीन दिसंबर को स्टॉक लिमिट की सीमा घटाई
- खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं के लिए प्याज की स्टॉक सीमा घटाकर क्रमशः 5 टन और 25 टन की
- आयातित प्याज पर यह स्टॉक सीमा लागू नहीं होगी
- कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया
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सरकार ने 1.2 लाख टन इंपोर्ट की मंजूरी
कैबिनेट ने घरेलू बाजार में प्याज की किल्लत को देखते हुए 1.2 लाख टन प्याज आयात को मंजूरी दी थी. इसमें से 21,000 टन से अधिक प्याज इंपोर्ट के लिए अनुबंध किए गए थे. उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एमएमटीसी को प्याज के आयात के लिए तीन और टेंडर जारी करने का भी निर्देश दिया था. इन टेंडर में से 2 ऑर्डर तुर्की और यूरोपीय संघ को दिए गए हैं, जबकि एक और वैश्विक टेंडर है.
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प्याज की कीमतों में क्यों आया उछाल
- प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में भारी बारिश से सप्लाई प्रभावित
- भंडारण किए गए प्याज के बड़ी मात्रा में खराब होने का भी असर
- इस साल बेमौसम बारिश के चलते भी प्याज की कीमतों में इजाफा
- आवक कम होने और खपत ज्यादा होने के कारण प्याज के दामों में बढ़ोतरी
- बारिश के कारण कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश में फसल को नुकसान
- मध्य प्रदेश, गुजरात और कुछ अन्य राज्यों में भी फसल को 75-85 फीसदी तक नुकसान
- प्रमुख प्याज उत्पादक देशों से प्याज आयात का फैसला देरी से लिया गया
प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्य
महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश
इन देशों से हो रहा प्याज का इंपोर्ट
अफगानिस्तान, मिस्र, तुर्की, ईरान
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