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Budget 2020: बजट में उल्टे शुल्क ढांचे से जुड़ी दिक्कत दूर कर सकती है सरकार

Budget 2020: इसका मकसद 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत विनिर्माण को बढ़ावा देना है. उल्टे शुल्क ढांचे के तहत कच्चे माल पर तैयार उत्पाद की तुलना में ऊंचे दर से कर लगता है, जिसके चलते शुल्क वापसी का दावा बढ़ जाता है और उत्पादन की लागत भी बढ़ती है.

Updated on: 14 Jan 2020, 01:21 PM

दिल्ली:

Budget 2020: सरकार के आगामी बजट में उल्टे शुल्क ढांचे (तैयार माल की तुलना में कच्चे माल पर अधिक शुल्क) से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने की उम्मीद है. खासकर रसायन और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में. इसका मकसद 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत विनिर्माण को बढ़ावा देना है. उल्टे शुल्क ढांचे के तहत कच्चे माल पर तैयार उत्पाद की तुलना में ऊंचे दर से कर लगता है, जिसके चलते शुल्क वापसी का दावा बढ़ जाता है और उत्पादन की लागत भी बढ़ती है.

सूत्रों ने कहा कि उद्योग सरकार से मांग करते आ रहे हैं कि कच्चे माल और उत्पादन के अन्य संसाधनों (इनपुट) पर प्रतिकूल-कर ढांच की विसंगतियां दूर की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को कंसोल, पैनल, कुछ इस्पात उत्पाद, कैलक्लाइंड एल्युमिना, इथाइल एसीटेट जैसे कई उत्पादों पर उल्टे शुल्क ढांचे से जुड़ी समस्याएं दूर करने का सुझाव दिया है.

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उल्टे शुल्क ढांचे से घरेलू उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है क्योंकि विनिर्माताओं को कच्चे माल पर शुल्क के रूप में ज्यादा भुगतान करना पड़ता है जबकि तैयार उत्पाद पर शुल्क कम रहने से उसका आयात सस्ता पड़ता है तथा कर वापसी के दावे बढ़ जाते हैं. भाषा पवन मनोहर मनोहर