logo-image

Budget 2020: जानिए कौन है वो 4 चार बड़े नाम जिन्होंने बजट के लिए दिए थे सुझाव

Budget 2020: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को लोकसभा में आगामी वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश करेंगी.

Updated on: 30 Jan 2020, 09:55 AM

नई दिल्ली:

Budget 2020: आगामी आम बजट-2020 आने में अभी महज तीन दिन बचे हैं. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को लोकसभा में आगामी वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश करेंगी, जिसमें देश की आर्थिक विकास को रफ्तार देने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं. इस समय हर किसी की नजर जब आगामी बजट पर है. इस रिपोर्ट में बजट के उन चार प्रमुख सूत्रधारों से आपका परिचय कराया जा रहा है जिन्होंने पिछले कुछ महीनों से वित्तमंत्री के करीब रह कर बजट निर्माण कार्य में योगदान दिया है.

यह भी पढ़ें: Budget 2020: केंद्रीय बजट से जयपुर की ज्वैलरी इंडस्ट्री की ये हैं उम्मीदें, कस्टम ड्यूटी घटाने की मांग उठाई

  1. गोपाल कृष्ण अग्रवाल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) के निदेशक और बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व निदेशक हैं. इस साल बजट बनाने में अग्रवाल की केंद्रीय भूमिका रही है। वह उद्योग और वित्तमंत्री के बीच इंटरफेस के रूप में रहे हैं. पहली बार पार्टी ने उद्योग के जानकारों और प्रतिनिधियों के साथ पृष्ठभूमि में बातचीत की ताकि यह मालूम हो कि आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए क्या जरूरी है. इस प्रकार की कुल 11 बैठकें हुईं. अग्रवाल ने बताया कि इन बैठकों के नतीजों से वित्तमंत्री को अवगत कराया गया और उन्होंने ध्यानपूर्वक इसे सुनकर नोट किया. उन्होंने बताया कि इस साल की बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के करीब 200 लोगों ने हिस्सा लिया.
  2. डॉ. सैयद जफर इस्लाम: भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता डॉ. सैयद जफर इस्लाम ड्यूस बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक हैं. भाजपा नेतृत्व ने उनको बजट को लेकर लगातार इनपुट देने का काम सौंपा था जिसे आखिर में सीतारमण के पास पेश किया गया. डॉ. इस्लाम इस समय एयर इंडिया के निदेशक हैं. उन्होंने अपने सुझावों के बारे में बताया कि भारत में खर्च को लेकर युक्तियों के लिए जगह बहुत कम है, लेकिन जो कुछ भी संसाधन बजट में बचे हुए हैं उसका खर्च कहीं किया जा सकता है, मतलब ग्रामीण क्षेत्र, गरीब और मध्यम वर्ग के लिए इसका इस्तेमाल समान रूप से होना चाहिए.
  3. नरेंद्र तनेजा: नरेंद्र तनेजा भाजपा प्रवक्ता होने के साथ-साथ ऊर्जा विशेषज्ञ भी हैं. वह ब्रिक्स बिजनेंस काउंसिल के प्रमुख और विश्व ऊर्जा नीति शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष हैं. इसलिए भाजपा ने इस साल बजट में उनकी विशेषज्ञता का उपयोग किया है. वित्तमंत्री को दिए अपने सुझावों के संबंध में तनेजा ने बताया कि मैंने कहा कि सरकार को अधिक खर्च करने की आवश्यकता है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर शहरी अर्थव्यवस्था से अधिक ध्यान देने की जरूरत है. मांग की कमी है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में मांग पैदा करना जरूरी है.
  4. अमित मालवीय: ज्यादातर लोग अमित मालवीय को भाजपा के सोशल मीडिया प्रमुख के रूप में जानते हैं, लेकिन मालवीय ने अपने पेशेवर जीवन में काफी समय बैंकिंग क्षेत्र में बिताया है. यही कारण है कि इस साल महीने चले बजट-पूर्व कवायद का वह हिस्सा रहे हैं. मालवीय बताते हैं कि भारत के लिए समष्टिगत संकेतक अच्छे हैं. हालांकि कुछ प्रमुख वस्तुओं के आयात का विकल्प तलाशने को लेकर वित्तमंत्री को कुछ खास सुझाव दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि भारत बिजली के सामान का काफी आयात करता है. हम कमीज का बटन भी आयात करते हैं. इन वस्तुओं का विनिर्माण भारत में करने से न सिर्फ मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा बल्कि घरेलू कारोबार को भी प्रोत्साहन मिलेगा.