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Budget 2020: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स छूट बढ़ाने की मांग

Budget 2020: इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि हेल्थ इंश्योरेंस को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए इनकम टैक्स के सेक्शन 80D की मौजूदा सीमा 25,000 रुपये को बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जाना चाहिए.

Updated on: 30 Jan 2020, 12:01 PM

नई दिल्ली:

Budget 2020: भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority-IRDAI) के आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में देश में 2.74 फीसदी लोगों के पास लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) है, जबकि महज 1 फीसदी लोगों के पास साधारण बीमा (General Insurance) है. मतलब यह हुआ कि देश की कुल आबादी में सिर्फ 3.74 फीसदी लोगों की पहुंच इंश्योरेंस तक है.

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हेल्थ इंश्योरेंस को बजट से काफी उम्मीदें
इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि हेल्थ इंश्योरेंस को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए आगामी बजट में इनकम टैक्स के सेक्शन 80D की मौजूदा सीमा 25,000 रुपये को बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जाना चाहिए. साथ ही प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप की सीमा 5,000 रुपये को बढ़ाकर 10,000 रुपये किया जाना चाहिए. इसके अलावा हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़े उत्पादों को जीएसटी (GST) से राहत मिलनी चाहिए. बता दें कि मौजूदा समय में देश के 56 फीसदी लोगों के पास हेल्थ इंश्योरेंस का कवरेज नहीं है.

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जीवन बीमा के लिए अलग सेक्शन बनाने की मांग
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीवन बीमा (Life Insurance) के लिए अलग से सेक्शन की मांग उठ रही है. इसके तहत अलग से सेक्शन बनाकर 50 हजार रुपये तक टैक्स छूट का प्रस्ताव बजट में लाया जाना चाहिए. हालांकि यह टैक्स छूट सेक्शन 80C के अतिरिक्त होनी चाहिए. इसके अलावा टर्म इंश्योरेंस लेने पर GST में राहत देने की मांग इंडस्ट्री ने उठाई है. ULIP का लॉक-इन पीरियड 5 साल से घटाकर 3 साल किए जाने की मांग भी की गई है.