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PMC Bank Scam: HDIL डायरेक्टर्स को जेल से आवास पर स्थानांतरित करने पर लगी रोक

PMC Bank Scam: बंबई उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था.

Updated on: 16 Jan 2020, 02:13 PM

दिल्ली:

PMC Bank Matter: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने एचडीआईएल (HDIL) के प्रवर्तकों राकेश वधावन (Rakesh Wadhawan) और सारंग वधावन (Sarang Wadhawan) को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी. बंबई उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था.

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आर्थिक अपराध शाखा ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आर्थिक अपराध शाखा ने उच्च न्यायालय के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी. राकेश वधावन और सारंग वधावन को सात हजार करोड़ रुपये के पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉपरेटिव (पीएमसी) घोटाले (PMC Bank Scam) के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायधीश एस.ए.बोबड़े की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष इस मामले को रखा। पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर.गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत भी शामिल थे.

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मेहता ने पीठ को बताया कि राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करना दोनों को जमानत देने जैसा होगा. उन्होंने इस फैसले पर रोक लगाने की उच्चतम न्यायालय से मांग की. मेहता ने कहा कि उनकी आपत्ति सिर्फ दोनों प्रवर्तकों को आवास में स्थानांतरित करने को लेकर है. उन्होंने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की निगरानी में प्रवर्तकों की संपत्तियों की बिक्री से संबंधित आदेश को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उच्चतम न्यायालय ने मेहता की दलीलों को स्वीकार किया और राकेश और सारंग को जेल से आवास में स्थानांतरित करने के आदेश पर रोक लगा दी.