logo-image

डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए RBI का नया नारा, 'Cash Is King But Digital Is Divine'

रिजर्व बैंक (RBI) का कहना है कि देश में नोटबंदी के बाद से प्रचलन में नोटों की संख्या में 3.5 लाख करोड़ रुपये की कमी आई. इस स्थिति से उत्साहित केन्द्रीय बैंक ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के और जोर शोर प्रयास शुरू किए हैं.

Updated on: 25 Feb 2020, 08:55 AM

मुंबई:

रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने देश में डिजिटल लेनदेन (Digital Transactions) को बढ़ावा देने के लिये एक नया नारा दिया है. डिजिटल भुगतान (Digital Payment) को जनता के लिये बेहतर अनुभव बनाने के हरसंभव प्रयास में लगे रिजर्व बैंक (RBI) का नारा है- ‘कैश इज किंग, बट डिजिटल इज डिवाइन’ अर्थात ‘‘नकदी भव्य है, पर डिजिटल दिव्य है’.

यह भी पढ़ें: Gold Rate Today: इंट्राडे में ऊपरी स्तर से सोने-चांदी में करेक्शन के आसार, निचले भाव पर फिर आ सकती है खरीदारी

नोटबंदी के बाद प्रचलन में नोटों की संख्या में 3.5 लाख करोड़ रुपये की कमी आई

रिजर्व बैंक (RBI) का कहना है कि देश में नोटबंदी (Demonetisation) के बाद से प्रचलन में नोटों की संख्या में 3.5 लाख करोड़ रुपये की कमी आई. इस स्थिति से उत्साहित केन्द्रीय बैंक ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के और जोर शोर प्रयास शुरू किये हैं. देश में लेनदेन को नकद से इलेक्ट्रानिक तरीके में ले जाने की प्रगति का आकलन करते हुये रिजर्व बैंक ने कहा है कि देश में नकद में कितना भुगतान होता है उसको लेकर कोई सही सही माप तो नहीं है लेकिन डिजिटल तरीके से होने वाले भुगतान को पूरी ताह से मापा जा सकता है.

यह भी पढ़ें: Petrol Rate Today: जानिए अभी भी किन शहरों में मिल रहा है सस्ता पेट्रोल-डीजल, यहां है पूरी लिस्ट

डिजिटल लेन देन में बढ़ोतरी

केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि पिछले पांच साल के दौरान डिजिटल तौर तरीकों से लेनदेन में कुल मिलाकर मात्रा के लिहाज से 61 प्रतिशत और मूल्य के लिहाज से 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. ये आंकड़े डिजिटल भुगतान की तरफ बढ़ते रुझान को बताते हैं. आरबीआई ने कहा है कि नकद राशि का अभी भी प्रभुत्व बना हुआ है लेकिन इसे अब भुगतान के लिये इस्तेमाल करने के बजाय एक आर्थिक संपत्ति के तौर पर मूल्य के रूप में देखा जा रहा है.

यह भी पढ़ें: पोस्ट ऑफिस में अकाउंट है तो आपको नए नियम जरूर जान लेने चाहिए, नहीं तो देना पड़ सकता है जुर्माना

केन्द्रीय बैंक ने आगे कहा है कि अक्टूबर 2014 से अक्टूबर 2016 के दौरान प्रचलन में जारी नोटों में औसतन 14 प्रतिशत दर वृद्धि हुई. इसके आधार पर अक्टूबर 2019 में प्रचलन में नोटों का मूल्य 26,04,953 करोड़ रुपये होना चाहिये था, लेकिन यह वास्ताव में 22,31,090 करोड़ रुपये रहा. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि डिजिटलीकरण प्रचलन में 3.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोटों की जरूरत कम हुई.