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PMC Bank Scam: PMC बैंक मामले पर RBI की नजर, खाताधारकों से मिलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

रिजर्व बैंक (RBI) हालात पर नजर रखे हुए है. वित्त मंत्री ने कहा कि कोऑपरेटिव बैंक का काम RBI देखता है और RBI इस मामले को पेशेवर तरीके से सुलझाएगा.

Updated on: 10 Oct 2019, 01:59 PM

दिल्ली:

वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पंजाब एवं महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (PMC) बैंक के खाताधारकों से मुलाकात की है. बता दें कि ये खाताधारक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुंबई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. वित्त मंत्री ने कहा है कि वित्त मंत्रालय का इस मामले से सीधा कोई भी लेना देना नहीं है. उनका कहना है कि रिजर्व बैंक (RBI) हालात पर नजर रखे हुए है. वित्त मंत्री ने कहा कि कोऑपरेटिव बैंक का काम RBI देखता है और RBI इस मामले को पेशेवर तरीके से सुलझाएगा.

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जरूरी होगा तो संबंधित नियमों में संशोधन किया जाएगा
वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने मंत्रालय के सचिवों को मामले की जानकारी के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा है. उन्होंने वित्त मंत्रालय के सचिवों से इस मामले का विस्तार से अध्ययन करने के लिए कहा है. कमियों को समझने के लिए RBI के प्रतिनिधि भी होंगे. अगर जरूरी होगा तो संबंधित नियमों में संशोधन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर संशोधन से दुर्भावनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलती है ताकि चीजों को रेग्युलेट करने में मदद मिलेगी. तो हम नियमों में बदलाव करना चाहेंगे.

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वित्त मंत्री ने कहा कि जो समूह पीएमसी बैंक मामले को देखेगा, उसमें वित्त मंत्रालय के 2 सेक्रेटरी शामिल होंगे. बैठक में RBI के 1 डिप्टी गवर्नर स्तर के अधिकारी भी शामिल होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी चीजों को रोकने और नियामक को बेहतर तरीके से सशक्त बनाने के लिए आवश्यक विधायी कदम उठाया जा सके. उन्होंने कहा कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में ही हम किसी भी विनियमन, किसी भी संशोधन को ला सकते हैं जिसकी जरूरत हो सकती है.

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वधावन को 'संरक्षण' देने के लिए पूर्व पेट्रोलियम मंत्री व महाराष्ट्र के पूर्व CM संदेह के घेरे में
एक पूर्व पेट्रोलियम मंत्री और महाराष्ट्र के एक पूर्व मुख्यमंत्री उन राजनेताओं की सूची में हो सकते हैं जिन पर 4355 करोड़ के पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी बैंक) घपले में गिरफ्तार वधावन (राकेश वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन) को 'संरक्षण' देने के संदेह में संकट के बादल छाए हुए हैं. मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और मुंबई पुलिस का इकोनॉमिक अफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ऐसी चौदह कंपनियों की जांच कर रहे हैं जिनका मालिकाना 2007 से 2018 के बीच या तो वधावन परिवार के पास था या इनके द्वारा इन्हें छोड़ा गया था.

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इनमें से एक कंपनी 8 मार्च 2008 को अस्तित्व में आई प्रिविलेज आयल एंड गैस प्राइवेट लिमिटेड (पीओजीएल) है. मूल रूप से सारंग वधावन द्वारा स्थापित इस कंपनी का लक्ष्य क्रूड पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस का उत्खनन था. सारंग वधावन, जोकि 8 मार्च 2008 से 12 मार्च 2018 तक पीओजीएल के निदेशक थे, ने गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के एक पूर्व पुलिस महानिदेशक की सेवाएं ली थीं जिनके जरिए केंद्र सरकार से संपर्क बढ़ाया जाना था.