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RBI Credit Policy: और सस्ते हो सकते हैं लोन, रिजर्व बैंक (RBI) घटा सकता है ब्याज दरें

RBI Credit Policy: आगामी क्रेडिट पॉलिसी (Monetary policy) में RBI ब्याज दरों में 0.25 फीसदी कटौती का ऐलान कर सकता है.

Updated on: 03 Oct 2019, 11:49 AM

नई दिल्ली:

RBI Credit Policy: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए काफी कोशिश कर रही है. हालांकि सरकार की कोशिश फिलहाल काम करती नहीं दिख रही है. सरकार द्वारा कॉर्पोरेट टैक्स और GST में कटौती जैसे फैसले का भी अर्थव्यवस्था पर कोई खास सकारात्मक असर नहीं पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक पिछली तिमाही में देश की विकास दर 5 फीसदी दर्ज की गई है.

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वहीं आर्थिक जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में मांग में भारी कमी देखने को मिल रही है. चूंकि केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक (RBI) मांग में आई इस कमी को दूर करना चाहते हैं. यही वजह है कि आगामी क्रेडिट पॉलिसी (Monetary policy) में RBI ब्याज दरों में 0.25 फीसदी कटौती का ऐलान कर सकता है.

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4 अक्टूबर को क्रेडिट पॉलिसी में घट सकती हैं ब्याज दरें
बता दें कि रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक चल रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि रिजर्व बैंक (Reserve Bank) 4 अक्टूबर को एक बार फिर यानि पांचवी बार ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर सकता है. गौरतलब है कि रिजर्व बैंक (RBI) अबतक लगातार चौथी बार ब्याज दरों में कटौती कर चुका है.

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रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त की क्रेडिट पॉलिसी में ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की कटौती की थी. RBI ने रेपो रेट 5.75 फीसदी से घटाकर 5.40 फीसदी कर दिया था. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 5.50 फीसदी से घटाकर 5.15 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (MSFR) और बैंक रेट 6 फीसदी से घटाकर 5.65 फीसदी कर दिया था. बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने जून, अप्रैल और फरवरी में भी ब्याज दरों में कटौती की थी.

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ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है RBI
आर्थिक जानकारों का कहना है कि 4 अक्टूबर की क्रेडिट पॉलिसी में 0.25 फीसदी (25 बेसिस प्वाइंट) की कटौती हो सकती है. पिछली क्रेडिट पॉलिसी में RBI ने ब्याज दरों में 0.35 फीसदी कटौती की थी. जानकारों का मानना है कि वित्त वर्ष 2019-20 के अंत तक रेपो रेट घटकर 5 फीसदी तक पहुंचने की संभावना है.

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साढ़े 6 साल के निचले स्तर पर पहुंची GDP ग्रोथ
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानि अप्रैल-जून में भारत की आर्थिक विकास दर (GDP Growth Rate) घटकर सिर्फ 5 फीसदी रह गई है. देश की जीडीपी ग्रोथ लुढ़ककर साढ़े छह साल के निचले स्तर पर आ गई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी दर्ज की गई थी. बता दें कि रिजर्व बैंक (RBI) ने भी भारत की विकास दर के पूर्वानुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है.

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ब्याज दरों में कटौती का क्या होगा फायदा
जानकारों के मुताबिक अगर RBI ब्याज दरों में कटौती करता है तो भविष्य में सभी तरह के लोन सस्ते होने की उम्मीद बढ़ जाती है. दरअसल, RBI के निर्देश के अनुसार अब बैंकों को लोन को रेपो रेट से लिंक करना है ताकि ब्याज दरों में कटौती का फायदा आम जनता तक पहुंच सके.