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बैंक में हो काम तो हो जाएं सावधान, तीन दिन की हड़ताल से 25 से रहेगा कामकाज ठप

25 से शुरू हो रही तीन दिवसीय हड़ताल के बावजूद अगर बैंक कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो बैंक संगठन नवंबर से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

Updated on: 12 Sep 2019, 04:41 PM

highlights

  • 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाए जाने के फैसले के विरोध में हड़ताल.
  • 25 सितंबर से शुरू होगी तीन दिवसीय बैंक हड़ताल.
  • नवंबर से अनिश्चितकाल हड़ताल की चेतावनी

नई दिल्ली:

आर्थिक मंदी की आहट, बढ़ती महंगाई, घटते रोजगार समेत कई मोर्चों पर जूझ रहे आम लोगों के लिए अब बैंकों की हड़ताल मुसीबतों में और इजाफा साबित करने वाली होगी. विगत दिनों मोदी सरकार द्वारा देश के 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाए जाने के फैसले के विरोध में चार बैंक संगठनों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. 25 से शुरू हो रही तीन दिवसीय हड़ताल के बावजूद अगर बैंक कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो बैंक संगठन नवंबर से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

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आम लोगों को होगी परेशानी
जाहिर है इस हड़ताल से पहले से त्रस्त चल रहे आम आदमी की मुसीबतों में और इजाफा ही होगा. बैंक संगठन एक तो पहले से ही विलय से खफा चल रहे हैं. सरकार के इस निर्णय से विलय हुए बैंकों को लग रहा है कि इससे उनकी पहचान खत्म हो जाएगी. उस पर विलय के बावजूद वेतन-भत्तों में लाभ भी उन्हें नहीं मिल रहा है. ऐसे में वेतन समीक्षा, सप्ताह में 5 दिन काम और नगदी के लेन-देन का समय घटाए जाने को लेकर चार बैंक यूनियनों ने 25 सितंबर से त्रिदिवसीय हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है.

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बैंक संगठनों की मांग
बैंक संगठनों की अन्य मांगों में बैंक कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को रोका जाना, पेंशन फॉर्मूले पर विचार समेत ग्राहकों के लिए सेवा शुल्क में कटौती प्रमुख मांगे हैं. बैंक संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि विलय के बाद काम बढ़ेगा और उसकी तुलना में कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त नहीं है. ऐसे में नई भर्तियों की मांग भी प्रमुखता से उठाई गई है. इन दिनों बैंकों के एनपीए का मसला मोदी सरकार के मुख्य एजेंडे पर है. इसके लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो रही है. इसकी चपेट में कुछ ऐसे अधिकारी भी आए, जिनकी एनपीए में कोई भूमिका नहीं थी. इसे देखते हुए बैंक संगठनों ने एनपीए के नाम पर अधिकारियों का शोषण खत्म करने की भी मांग की है.

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10 बैंकों का विलय कर बनाए 4 बड़े बैंक
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 30 अगस्त को 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का ऐलान किया है. इसका ऐलान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक में कुछ दूसरे सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला किया है. इसके तहत पीएनबी में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा. इस विलय के बाद पीएनबी देश का दूसरा और केनरा बैंक चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा.