रेस्टोरेंट पाटनर्स की चिंताओं को दूर करने के लिए मिलकर कर रहे हैं काम: जोमैटो
सीसीआई के पास जनवरी में याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें स्विगी, जोमाटो, उबेर इट्स और फूडपांडा पर अपनी प्रभावशाली स्थिति का दुरुपयोग कर भारी छूट देने, खुद के किचन चलाने और आंतरिक स्त्रोतों का उपयोग करने के आरोप लगाए थे.
नई दिल्ली:
सैंकड़ों रेस्टोरेंट ऑनर्स ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के पास फूड डिलिवरी कंपनियों द्वारा गलत काम करने की शिकायत दर्ज कराई है. इसके बाद जोमाटो ने सोमवार को कहा कि वह इस मुद्दे पर संबंधित रेस्टोरेंट पाटनर्स के साथ सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए बातचीत कर रही है, जिससे सभी पक्षों को लाभ होगा. सीसीआई के पास जनवरी में याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें स्विगी, जोमाटो, उबेर इट्स और फूडपांडा पर अपनी प्रभावशाली स्थिति का दुरुपयोग कर भारी छूट देने, खुद के किचन चलाने और आंतरिक स्त्रोतों का उपयोग करने के आरोप लगाए थे.
ई-कॉमर्स के क्षेत्र में भी इससे पहले ऐसे ही आरोप लगाए गए थे, जहां छोटे व्यवसायों ने फ्लिपकार्ट और अमेजन पर अपने मार्केटप्लेस पर गहरा छूट देकर उनकी बिक्री को प्रभावित करने का आरोप लगाया था.
रेस्टोरेंट मालिकों का मानना है कि अगर फूड डिलिवरी कंपनियां इसी तरह से काम करती रही तो उनका कारोबार ठप्प हो जाएगा.
जोमाटो ने खुद का किचन चलाने के आरोपों को खारिज किया और कहा कि देश के 150 शहरों के 80,000 से ज्यादा रेस्टोरेंट उससे जुड़े हैं और जिन भागीदारों को छूट देना पसंद नहीं है वे इससे बाहर निकल सकते हैं.
जोमाटो के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'छूट ग्राहकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए दी जाती है, और जो रेस्टोरेंट नहीं देना चाहते हैं, वे इससे बाहर हो सकते हैं.'
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बयान में कहा गया, 'जोमाटो का उद्देश्य देश के रेस्टोरेंट उद्योग का विस्तार करना है.'
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