logo-image

टाटा ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी आर वेंकटरमणन का इस्तीफा, यह है वजह

आधिकारिक बयान के मुताबिक ट्रेंट लिमिटेड के चेयरमैन और टाटा इंटरनैशनल के मैनेजिंग डायरेक्टर नोएल एन टाटा और परमार्थ कार्यों में लंबे समय से लगे जहांगीर एच सी जहांगीर सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी नियुक्त किए गए हैं.

Updated on: 14 Feb 2019, 03:36 PM

नई दिल्ली:

टाटा ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी आर वेंकटरमणन ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. वेंकटरमण का कहना है कि वह दूसरी संभावनाओं पर काम करना चाहते हैं इसलिए इस्तीफ़ा दिया है. इस बारे में टाटा ट्रस्ट ने विशेष जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने ट्रस्ट में एक्जेक्यूटिव ट्रस्टी/मैनेजिंग ट्रस्टी के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया और अब वे अन्य विकल्पों पर गौर कर रहे हैं. फिलहाल वह अपने पद पर 31 मार्च 2019 तक बने रहेंगे.

आधिकारिक बयान के मुताबिक ट्रेंट लिमिटेड के चेयरमैन और टाटा इंटरनैशनल के मैनेजिंग डायरेक्टर नोएल एन टाटा और परमार्थ कार्यों में लंबे समय से लगे जहांगीर एच सी जहांगीर सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी नियुक्त किए गए हैं.

फिलहाल टस्ट्रीज की एक समिति तत्काल प्रभाव से बनाई गई है. वह ट्रस्ट का काम देखेगी और नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी का चयन करेगी. इस समिति में ट्रस्ट के चेयरमैन रतन एन टाटा, उपाध्यक्ष विजय सिंह और वेणु श्रीनिवासन शामिल हैं.

टाटा ट्रस्ट के ट्रस्ट्रीज की बुधवार को बैठक हुई जिसमें वेंकटरमणन के पद छोड़ने के आग्रह को स्वीकार कर लिया. उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है. उन्होंने ऐसे समय इस्तीफा दिया है जब टाटा परिवार के सदस्यों वाले परमार्थ ट्रस्ट को टैक्स छूट का दर्जा कथित रूप से वापस लेने की रिपोर्ट है. इसका कारण वेंकटरमणन को ट्रस्ट की ओर से पारितोषिक का भुगतान किया जाना है.

और पढ़ें- जनवरी में थोक महंगाई 10 महीने के निचले स्तर पर, सूचकांक (WPI) गिरकर 2.76 फीसदी पर आया

उनके खिलाफ एयर एशिया इंडिया के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का लाइसेंस हासिल करने को लेकर कथित रूप से भ्रष्ट तरीके अपनाने के आरोप में सरकारी नीतियों के साथ कथित हेराफेरी करने की कोशिश के आरोप में सीबीआई ने पिछले साल जांच की थी. हालांकि उस समय टाटा ट्रस्ट ने उनका बचाव किया था.