logo-image

पीएम मोदी की चेतावनी, अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए और कड़े फैसले कर सकती है केंद्र सरकार

ये फैसले राजनीतिक फायदे के लिए नहीं बल्कि देश में आने वाले दिनों में आर्थिक सुधार लाने के लिए किए जाएंगे।

Updated on: 25 Dec 2016, 07:47 AM

नई दिल्ली:

नोटबंदी के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार अल्पकालिक राजनीतिक लाभ के लिए कोई कदम नहीं उठाएगी और अगर जरूरी हुआ तो राष्ट्रहित के लिए और कड़े कदम भी उठाए जाएंगे। बता दें कि साल 2017 के बजट सत्र में करीब एक महीने का वक्त ही बचा है।

मोदी ने कहा कि ये फैसले राजनीतिक फायदे के लिए नहीं बल्कि देश में आने वाले दिनों में आर्थिक सुधार लाने के लिए किए जाएंगे।

पीएम मोदी ने कहा, 'बईमान लोगों को देश के 125 करोड़ लोगों के भ्रष्टाचार के खिलाफ मूड को कम करके नहीं आंकना चाहिए। यह सफाई अभियान है और बईमानों की बर्बादी का समय आ गया है।'

पीएम मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि वित्तीय बाजार आधुनिक अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है और ये निवेश और बचत के लिए भी जरूरी है।

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी ने कहा, 'नोटबंदी से अभी परेशानी, आगे होगा फायदा'

पीएम मोदी ने कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों को चेताया भी कि पहले भी ऐसा देखा गया है कि अगर वित्तीय बाजार को ठीक से नियंत्रित नहीं किया गया तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंच सकता है।

ये भी पढ़ें: भ्रष्टाचार के खिलाफ और सख्त कदम उठा सकते हैं पीएम मोदी, मुंबई में दिए संकेत

वित्तीय बाजार को और अधिक नियंत्रित किए जाने की जरूरत पर बल देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कमोडिटी और कॉमेक्स डेरीवेटिव की निगरानी के लिए वायदा बाजार आयोग (FMC) को खत्म कर सेबी के साथ मिला दिया गया है। लेकिन, अभी भी हाजिर बाजार पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं है।

ये भी पढ़ें: 50 दिनों बाद ईमानदारों की तकलीफ कम होगी, बेईमानों की बढ़ेगी: मोदी

वहीं कृषि बाजार पर भी राज्यों का नियंत्रण है, जहां गरीबों से राज्य सरकारे सीधे खरीददारी करती हैं न कि निवेशकों से। इसलिए कमोडिटी डेरीवेटिव, आर्थिक और सामाजिक प्रभाव ज्यादा है।