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Exit poll के बाद नतीजों में अगर बहुमत से चूका NDA तो इस फॉर्मूले पर काम कर रहा विपक्ष

ऐसे में यूपीए यानी कांग्रेस नेतृत्व में बना गठबंधन अभी हार मानने को तैयार नहीं है.

Updated on: 20 May 2019, 11:39 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण समाप्त होते ही देशभर के तमाम चैनलों ने एग्जिट पोल दिखाए और संभावना जताई की देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए एक बार फिर सत्ता में वापसी करने जा रहा है. ऐसे में यूपीए यानी कांग्रेस नेतृत्व में बना गठबंधन अभी हार मानने को तैयार नहीं है. तीसरे मोर्चे की कोशिश में लगे टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू भी एनडीए के बहुमत से कुछ दूर होने पर नई रणनीति के प्रयास में कुछ समय से तेजी से कोशिश कर रहे हैं. वे लगातार एनडीए की विरोधी पार्टियों से संपर्क जारी रखे हुए हैं और बताया जा रहा है कि कर्नाटक मॉडल पर बीजेपी को फिर शिकस्त देने की कवायद जारी है.

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इससे पहले नायडू ने सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और आम आदमी पार्टी (आप) अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की है. लखनऊ में मायावती और अखिलेश से मुलाकात के बाद उन्होंने रविवार को दिल्ली में अध्यक्ष राहुल गांधी और एनसीपी के मुखिया शरद पवार से मुलाकात की थी.

बता दें कि यह चंद्रबाबू नायडू की कोशिशों का नतीजा है कि एग्जिट पोल के नतीजों से घबराए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि वे जरूरत पड़ने पर कांग्रेस को समर्थन देने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि गरीबों, किसानों, देश और भाईचारे की बात करने वाली पार्टियां 23 मई के बाद देश को नया पीएम देने के प्रयास में हैं. इसके लिए टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू विपक्ष के सभी नेताओं से बात कर रहे हैं. जरूरत पड़ी तो कांग्रेस को समर्थन दिया जाएगा. अखिलेश ने दावा किया कि यूपी में महागठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिलेंगी.

वहीं, बीएसपी की ओर से अभी कोई भी बयान नहीं दिया गया है. बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बीएसपी अध्यक्ष मायावती का दिल्ली जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है और न ही किसी बैठक में उन्हें शामिल होना है. राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि गैर-बीजेपी दलों के गठबंधन के मुद्दे पर मायावती दिल्ली में सोनिया और राहुल से मिल सकती हैं.

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में बीजेपी को सरकार बनाने से रोकने के लिए कांग्रेस ने ज्यादा सीटें होने के बावजूद जेडीएस को समर्थन दिया है.