Railway : AI के बाद अब अपना रहा EI, लोगों को मिलेगा ये फायदा
Railway : सिग्नल फेल्योर (Signal failure) को रोकने के लिए कृत्रिम बुद्धिमता (AI) अपनाने के बाद भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने वरिष्ठ अधिकारियों की मदद के लिए अब भावनात्मक बुद्धिमता (EI) का विकल्प चुना है.
नई दिल्ली:
Railway : सिग्नल फेल्योर (Signal failure) को रोकने के लिए कृत्रिम बुद्धिमता (AI) अपनाने के बाद भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने वरिष्ठ अधिकारियों की मदद के लिए अब भावनात्मक बुद्धिमता (EI) का विकल्प चुना है, ताकि सेवा वितरण प्रणाली में तेजी और अधिक निर्णायक तरीके से सुधार किया जा सके. भारतीय रेलवे (Indian Railway) वक्त-वक्त पर तनाव और संबंधित अधिकारियों के बीच सहानुभूति की कमी सहित विभिन्न कारणों से उच्च स्तर पर अनिश्चितता से जूझता रहता है.
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रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कभी-कभार ऐसे हालात होते हैं, जहां अधिकारी मांग की स्थिति में तनाव को बर्दाश्त नहीं कर पाते, जिससे फैसलों को प्रभावित किया." भारतीय रेलवे (Indian Railway) में बदलाव के लिए भावनात्मक रूप से समझदार नेतृत्व रणनीतियों की रचना हेतु सार्वजनिक स्तर पर एक अभ्यास चल रहा है ताकि सभी शीर्ष स्तर के अधिकारियों को विश्व स्तर पर प्रमाणित मास्टर ट्रेनर द्वारा आयोजित ईआई प्रशिक्षण दिलाया जा सके.
कनाडा के मल्टी हेल्थ सिस्टम द्वारा विकसित और सश्रम अनुसंधान व पुष्टि पर आधारित ईआई पाठ्यक्रम मॉडयूल का मकसद उन हालात में समस्याओं क समाधान निकालने के लिए अधिकारियों को सक्षम बनाना है, जिसमें भाव शामिल होते हैं, विशेषकर ग्राहक से सामना किए जाने वाले हालात में.
एक कार्यशाल में भाग लेने वाले एक विभागीय रेलवे प्रबंधक ने कहा, "अध्ययन में पाया गया कि उच्च भाव बुद्धि वाले लोग अपने काम में अधिक प्रभावकारी होते हैं. तनावपूर्ण या कठिन परिस्थितियों से निपटना और विश्वास करना कि वह सकरात्मक तरीके से इस हालात को संभाल सकता है यही ईआई मॉडयूल का मुख्य मकसद है."
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वड़ोदरा स्थित भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी में होने वाले इस पाठ्यक्रम के पहले बैच में सभी महाप्रबंधक व विभागीय रेलवे प्रबंधक हिस्सा लेंगे और इसे चरणबद्ध तरीके से अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के लिए बढ़ाया जाएगा.
मॉडयूल में आत्म-धारणा, आत्म-अभिव्यक्ति, समस्या-निवारण और तनाव प्रबंधन जैसे कई अंश शामिल हैं. यह प्रतिभागियों में सहानुभूति, लचीलापन, तनाव सहनशीलता और आवेग नियंत्रण जैसे क्षेत्रों में उनकी समझ को गहरा बनाएगा और उन्हें आगे के विकास के लिए अवसर प्रदान करेगा.
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