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कालाधन के खिलाफ अभियान नहीं आया काम, एक साल में 50 फीसदी बढ़ा भारतीयों का पैसा

पिछले चार सालों में पहली बार स्विस बैंक में जमा धन बढ़ कर एक अरब स्विस फैंक (7,000 करोड़ रुपये) के दायरे में पहुंच गया है।

Updated on: 29 Jun 2018, 08:05 AM

नई दिल्ली:

2014 चुनाव से पहले काला धन के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरने वाली बीजेपी अब ख़ुद भी स्वीस बैंको में धन जमा किए जाने को लेकर सुर्खियों में हैं।

स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारतीयों का स्विस बैंकों में जमा धन 50 फीसदी बढ़ गया है। हालांकि इसी आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान में 2017 में स्विस बैंकों में काला धन 21 फ़ीसद कम हुआ है।

पिछले चार सालों में पहली बार स्विस बैंक में जमा धन बढ़ कर एक अरब स्विस फैंक (7,000 करोड़ रुपये) के दायरे में पहुंच गया है। यानी कि शुरुआत के तीन सालों के मुक़ाबले चौथे साल में यह आंकड़ा 50 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।

केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में रखा गया धन 2017 में 50% अधिक बढ़कर 7000 करोड़ रुपए (1.01 अरब फ्रेंक) पर पहुंच गया है।

हालांकि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पहले तीन साल बैंकों में भारतीयों के जमा धन में लगातार गिरावट आई थी।

स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के सालाना आंकड़ों के अनुसार स्विस बैंक खातों में जमा भारतीय धन 2016 में 45 प्रतिशत घटकर 67.6 करोड़ फ्रेंक ( लगभग 4500 करोड़ रुपए) रह गया। यह राशि 1987 से इस आंकड़े के प्रकाशन की शुरुआत के बाद से सबसे कम थी।

एसएनबी के आंकड़ों के अनुसार भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में सीधे तौर पर रखा गया धन 2017 में लगभग 6891 करोड़ रुपए (99.9 करोड़ फ्रेंक) हो गया। वहीं प्रतिनिधियों या धन प्रबंधकों के जरिए रखा गया धन इस दौरान 112 करोड़ रुपए (1.62 करोड़ फ्रेंक) रहा।

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ताज़ा आंकड़ों के अनुसार स्विस बैंक खातों में जमा भारतीयों के धन में ग्राहक जमाओं के रूप में 3200 करोड़ रुपए, अन्य बैंको के जरिए 1050 करोड़ रुपए शामिल है। इन सभी मदों में भारतीयों के धन में आलोच्य साल में बढ़ोतरी हुई।

स्विस बैंक खातों में रखे भारतीयों के धन में 2011 में इसमें 12%, 2013 में 43%, 2017 में इसमें 50.2% की वृद्धि हुई। इससे पहले 2004 में यह धन 56% बढ़ा था।

एसएनबी के ये आंकड़े ऐसे समय में जारी किए गए हैं जबकि कुछ महीने पहले ही भारत व स्विटजरलैंड के बीच सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान की एक नई व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था का उद्देश्य काले धन की समस्या से निजात पाना है।

इस बीच स्विटजरलैंड के बैंकों का मुनाफा 2017 में 25% बढ़कर 9.8 अरब फ्रेंक हो गया। हालांकि इस दौरान इन बैंकों के विदेशी ग्राहकों की जमाओं में गिरावट आई। इससे पहले 2016 में यह मुनाफा घटकर लगभग आधा 7.9 अरब फ्रेंक रह गया था।

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