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काले धन के खिलाफ रंग लाई मोदी की मुहिम, स्विस बैंक में जमा रकम के मामलों में भारत की रैकिंग गिरी

काला धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार की कोशिशें रंग लाती दिख रही है। स्विस नैशनल बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के नागरिकों की तरफ से इस बैंक में जमा किए जाने धन के मामले में भारत की रैकिंग में जबरदस्त गिरावट आई है।

Updated on: 02 Jul 2017, 03:44 PM

highlights

  • काला धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार की कोशिशें रंग लाती दिख रही है
  • स्विस बैंक में जमा रकम के मामलों में भारत की रैकिंग में गिरावट आई है
  • वहीं स्विस बैंकों में जमा रकम के मामले में ब्रिटेन अभी भी शीर्ष पर मौजूद है

नई दिल्ली:

काला धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार की कोशिशें रंग लाती दिख रही है। स्विस नैशनल बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के नागरिकों की तरफ से इस बैंक में जमा किए जाने धन के मामले में भारत की रैकिंग में जबरदस्त गिरावट आई है।

स्विस बैंक में धन जमा किए जाने के मामले में भारत फिसलकर 88वें पायदान पर आ चुका है, वहीं ब्रिटेन अभी भी शीर्ष पायदान पर बरकरार है।

स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा कुल रकम में भारतीयों की हिस्सेदारी महज 0.04 फीसदी है। 2015 में इस बैंक में धन जमा करने वालों नागरिकों के आधार पर भारत की रैंकिंग 75 थी जो अब घटकर 88 हो गई है। 2014 में भारत इस सूची में 61वें पायदान पर बना हुआ था।

वहीं 2004 में भारत इस सूची 37वें पायदान पर था, जो अब तक की सबसे बड़ी रैकिंग है। स्विस बैंकों में भारतीयों की तरफ से जमा कराए गए धन में आई तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2007 तक भारत टॉप 50 में शामिल देश था।

हालांकि 2016 में स्विस बैंक में विदेशी नागरिकों की तरफ से जमा रकम में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली है। 2016 में स्विस बैंकों में जमा रकम 1.41 लाख करोड़ फ्रैंक से बढ़कर 1.42 फ्रैंक हो गई। ब्रिटिश नागरिकों की इस फंड में हिस्सेदारी 25 फीसदी से भी अधिक है।

वहीं दूसरे नंबर पर अमेरिका आता है, जिसकी कुल जमा रकम में 17 फीसदी हिस्सेदारी है।

गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद सरकार ने विदेश में जमा काले धन को देश में वापस लाने की मुहिम तेज की थी। सरकार को अगले कुछ सालों में स्विस बैंक की तरफ से रियल टाइम में डेटा मिलने लगेगा।

इससे पहले सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक स्विस बैंक में विदेशी नागरिकों का कुल 96 लाख करोड़ रुपये जमा है, जिसमें भारतीयों की रकम पहले के मुकाबले 45 फीसदी घटकर महज 4,500 करोड़ रुपये रह गई है।

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जीएसटी लागू होने के एक दिन बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडिटयम में आईसीएआई के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 2013 में विदेश में जमा काले धन में 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।

उन्होंने कहा कि 1987 में स्विस बैंक ने देशों के जमा रकम के बारे में बताना शुरू किया था और 2016 की रिपोर्ट बताती है कि भारतीय के पैसों में 45 फीसदी की कमी आई है। 2014 से ही गिरावट का दौर शुरू हुआ था, जो और तेज हो गया है जबकि 2013 में इसमें 42 फीसदी की वृद्धि हुई थी।

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