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अडाणी समूह के विवादास्पद ऑस्ट्रेलिया कोल माइन प्रोजेक्ट को मिली निवेश की अंतिम मंजूरी

अडाणी समूह ने आस्ट्रेलिया में 21.7 अरब डॉलर की विवादास्पद कोयला खदान परियोजना में निवेश को अंतिम मंजूरी दे दी है। यह प्रोजेक्ट पर्यावरण संबंधी चिंताओं को लेकर इस विवादों का सामना कर रहा था।

Updated on: 06 Jun 2017, 11:27 AM

नई दिल्ली:

अडाणी समूह ने आस्ट्रेलिया में 21.7 अरब डॉलर की विवादास्पद कोयला खदान परियोजना में निवेश को अंतिम मंजूरी दे दी है। यह प्रोजेक्ट पर्यावरण संबंधी चिंताओं को लेकर इस विवादों का सामना कर रहा था। 

इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए अडाणी ने कहा 'मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि परियोजना को अंतिम निवेश निर्णय (एफआईडी) मंजूरी मिल गई है जिससे आस्ट्रेलिया के हालिया इतिहास में सबसे बड़ी एकल बुनियादी ढांचागत एवं रोजगार सृजन विकास परियोजनाओं में से एक पारियोजना की आधिकारिक शुरूआत हो गई।' 

गौतम अडाणी ने कहा कि यह अडाणी समूह के लिए, क्वींसलैंड के लिए आस्ट्रेलिया में भारतीय निवेश के लिए ऐतिहासिक दिन है।

इस प्रोजेक्ट पर रॉयल्टी अदा करने पर बनी सहमति की घोषणा के बाद अडानी समूह ने यह फैसला लिया है। इससे पहले समूह ने इस विवादित परियोजना को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए क्वींसलैंड सरकार के साथ समझौता भी किया था। 

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अडाणी समूह के प्रमुख ने कहा, 'यह आस्ट्रेलिया में किसी भारतीय निगम का सबसे बड़ा निवेश है और मेरा मानना है कि निवेश और व्यापार सौदों के साथ अन्य भी इसका अनुसरण करेंगे। '

ध्यान देने वाली बात है कि अडाणी प्रोजेक्ट को ऑस्ट्रेलिया कोर्ट में चुनौती मिली थी। इस प्रोजेक्ट का विरोध करते हुए कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि अडाणी समूह के इस कारमाइकल परियोजना से यक्का स्किंक (छोटी छिपकली) और सजावटी सर्प प्रजातियों के विलुप्त होने के ख़तरा है।

ऑस्ट्रेलिया की ग्रीन्स पार्टी अडाणी ग्रुप की इस परियोजना का विरोध कर रही थी। 

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क्या है मामला?

माइनिंग प्रोजेक्ट के लिए अडाणी ग्रुप को गलीली बेसिन में स्थित कारमाइकेल कोयला खदानों के लिए भूमि-अधिग्रहण करना था। इस क्षेत्र में जमीनों का कब्ज़े के लिए क्वींसलैंड के क्षेत्रीय वांगन और जगलिंगउ लोगों का है।

इस ज़मीन पर मालिकाना हक के लिए अडाणी समूह ने लंबे समय तक क्षेत्रीय लोगों से जमीन अधिग्रहण के लिए कानूनी प्रक्रिया का सामना किया। क्षेत्रीय नियमों के मुताबिक वहां कि सरकार को लोगों से जमीन लेकर अदानी को माइनिंग लीज पर देनी थी।

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