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केंद्र सरकार की मांग, RBI दे 27380 करोड़ रुपये, खाली होगा रिजर्व खजाना

वित्त मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष की साख पर चालू वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय बैंक से अंतरिम लाभांश देने और पिछले दो वित्त वर्षों के सरप्लस में से रखी गई राशि को ट्रांसफर करने का अनुरोध किया है.

Updated on: 11 Feb 2019, 12:24 PM

नई दिल्ली:

वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 27380 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की मांग की है. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है. बात दें कि केंद्रीय बैंक (RBI) ने रिस्क कवर और आरक्षित भंडार के नाम पर यह राशि पिछले कुछ वर्षों से रिज़र्व के तौर पर रखी है. रिजर्व बैंक ने 2016-17 के दौरान जोखिम और आरक्षित भंडार के रूप में 13,190 करोड़ रुपये अपने पास रखे थे. वहीं 2017-18 में उसने 14,190 करोड़ रुपये रखे. इस प्रकार RBI के पास कुल 27,380 करोड़ रुपये की राशि है.

सूत्रों ने बताया है कि वित्त मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष की साख पर चालू वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय बैंक से अंतरिम लाभांश देने और पिछले दो वित्त वर्षों के सरप्लस में से रखी गई राशि को ट्रांसफर करने का अनुरोध किया है.

इससे पहले महीने की शुरुआत में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक से 28,000 करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश मिलने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार रिजर्व बैंक से पहले ही 40,000 करोड़ रुपये ले चुकी है. ऐसे में अगर RBI का केंद्रीय बोर्ड अंतरिम लाभांश के रूप में सरकार के 28,000 करोड़ रुपये के अनुरोध को स्वीकार करता है तो केंद्रीय बैंक द्वारा 2018-19 में कुल सरप्लस ट्रांसफर 68,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा.

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सूत्रों का मानना है कि सरकार को अगले वित्त वर्ष में लाभांश के रूप में 69,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. सरकार को RBI, राष्ट्रीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 2019-20 के दौरान 82,911.56 करोड़ रुपये का लाभांश मिलने का अनुमान है.