नोटबंदी से देश की आर्थिक असमानता में हो सकती है बढ़ोतरी: मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि नोटबंदी की 'भारी गलती' को स्वीकार करें और अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए आम सहमति की दिशा में काम करें।
highlights
- मोदी से कहा कि इस 'भारी गलती' को स्वीकार करें और अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए आम सहमति की दिशा में काम करें
- मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी एक विनाशकारी आर्थिक नीति साबित होने जा रही है
नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को 'विनाशकारी आर्थिक नीति' (कैटस्ट्रॉफिक इकोनॉमी पॉलिसी) करार दिया है और कहा है कि इससे असमानता बढ़ सकती है और भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में यह 'अब तक की सबसे बड़ी सामाजिक विपत्ति' साबित होगी।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि इस 'भारी गलती' को स्वीकार करें और अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए आम सहमति की दिशा में काम करें।
उन्होंने कहा, 'नोटबंदी एक विनाशकारी आर्थिक नीति साबित होने जा रही है। इसके कारण कई तरह की आर्थिक, सामाजिक, प्रतिष्ठात्मक और संस्थागत क्षति हुई है।'
सिंह ने कहा, 'जीडीपी का गिरना आर्थिक नुकसान का महज एक संकेतक है। इसका हमारे समाज के गरीब तबकों पर तथा व्यापार पर जो असर हुआ है, वह किसी आर्थिक सूचक की तुलना में कहीं अधिक हानिकारक है।'
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'नोटबंदी का तुरंत असर नौकरियों पर पड़ा है। हमारे देश की तीन चौथाई गैर-कृषि रोजगार छोटे और मझोले उद्यमों के क्षेत्र में हैं। नोटबंदी से इस क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसलिए नौकरियां चली गईं और नई नौकरियां पैदा नहीं हो रही हैं।'
उन्होंने कहा, 'मैं नोटबंदी के दीर्घकालिक असर के बारे में चिंतित हूं। हालांकि जीडीपी में हाल की गिरावट के बाद सुधार दिख रही है, लेकिन हमारे आर्थिक विकास की प्रकृति के लिए बढ़ती असमानता एक बड़ा खतरा है। नोटबंदी इसे बढ़ा सकती है, जिसे भविष्य में सुधारना कठिन होगा।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी और कहा था कि इससे काले धन, भ्रष्टाचार, नकली मुद्रा और आतंकवादियों के वित्त पोषण पर रोक लगेगी।
हालांकि बाद में उन्होंने यह कहा कि इसका उद्देश्य नकदी लेन-देन को कम करने तथा अर्थव्यवस्था को डिजिटल भुगतान की तरफ ले जाना है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि यह लक्ष्य प्रशंसनीय हैं लेकिन सरकार को आर्थिक प्राथमिकताओं को दुरुस्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह साफ नहीं है कि नकदीरहित अर्थव्यवस्था का लक्ष्य छोटे उद्योग को बड़ा बनाने में सक्षम होगा ही जबकि यह हमारी प्राथमिकता होना चाहिए।
और पढ़ें: नोटबंदी के बाद फाइल हुए 20,000 ITR पर आयकर विभाग की नजर
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह