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भाई-बहन की जोड़ी ने पुश्तैनी कारोबार को बना दिया करोड़ों की कंपनी

इंक5 (Inc.5) ब्रांड के देशभर में करीब 54 एक्सक्लूसिव स्टोर काम कर रहे हैं. साथ ही करीब 300 बिक्री केंद्र भी हैं. उनकी कंपनी का मकसद महिलाओं को स्टायलिश और आरामदेह फुटवियर उपलब्ध कराना है.

Updated on: 22 Apr 2019, 07:31 AM

नई दिल्ली:

अलमास नंदा और उनके भाई अमीन विरजी के लिए जूते के पुश्तैनी कारोबार को आगे बढ़ाना बिल्कुल आसान काम नहीं था. दोनों भाई-बहन की मेहनत ने उनकी कंपनी को देश के अग्रणी फुटवियर ब्रांड के तौर पर स्थापित कर दिया है. उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि उनकी कंपनी इंक5 (Inc.5) के ब्रांड के देशभर में करीब 54 एक्सक्लूसिव स्टोर काम कर रहे हैं. साथ ही कंपनी के करीब 300 बिक्री केंद्र भी चल रहे हैं. उनकी कंपनी का मकसद महिलाओं को स्टायलिश और आरामदेह फुटवियर उपलब्ध कराना है.

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सालाना टर्नओवर 163 करोड़ रुपये
Inc.5 का सालाना टर्नओवर करीब 163 करोड़ रुपये है. कंपनी की टीयर1 और टीयर2 शयरों में मजबूत पकड़ है. कंपनी ने दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बैंग्लूरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, कानपुर, लखनऊ, और पुणे में अच्छा प्रदर्शन किया है.

कैसे हुई शुरुआत
1998 में अलमास नंदा 24 साल की थीं. उन्होंने महिलाओं के लिए स्टायलिश फुटवियर की शुरूआत की. अलमास के भाई और कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अमीन विरजी पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि हमने मुंबई के मशहूर शॉपिंग सेंटर हीरा पन्ना में एक स्टोर से अपना कारोबार शुरू किया था. मौजूदा समय में हम इसे देशभर में बढ़ाकर 54 एक्सक्लूसिव स्टोर तक ले जा चुके हैं. अमीन विरजी बताते हैं कि उनके दादा ने सन 1954 में रीगल शूज के नाम से कारोबार शुरू किया था. यह कारोबार बेसिक और फार्मल फुटवियर के बनाने तक सीमित था. 1998 में हमने फुटवियर मार्केट में नई संभावनाओं को तलाशने की सोची. हमने खूबसूरत दिखने के साथ-साथ आरामदेह फुटवियर के कारोबार में उतरने का फैसला किया. यहीं से इंक5 (Inc.5) की नींव पड़ी.

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2001 में इंक5 (Inc.5) में रीगल शूज का विलय
2001 में रीगल शूज का विलय इंक5 (Inc.5) में हो गया. नई कंपनी Inc.5 Shoes Private Limited का जन्म हुआ. विलय से पहले रीगल शूज का कामकाज अमीन विरजी के पिता अब्दुल रसूल विरजी और अंकल जलाल विरजी देख रहे थे.

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