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नोटबंदी के बाद दूसरा झटका, 50:50 स्कीम में महज 4,900 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी का खुलासा

नोटबंदी के बाद टैक्स और जुर्माना देकर काले धन को सफेद किए जाने की मोदी सरकार की मुहिम को जबरदस्त झटका लगा है।

Updated on: 07 Sep 2017, 07:57 PM

highlights

  • टैक्स और जुर्माना देकर काले धन को सफेद किए जाने की सरकार की मुहिम को जबरदस्त झटका लगा है
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत कुल 21,000 लोगों ने 4,900 करोड़ रुपये के काले धन का खुलासा किया

नई दिल्ली:

नोटबंदी के बाद टैक्स और जुर्माना देकर काले धन को सफेद किए जाने की सरकार की मुहिम को जबरदस्त झटका लगा है। 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत कुल 21,000 लोगों ने 4,900 करोड़ रुपये के काले धन का खुलासा किया। सरकार के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि सरकार को इस योजना से 2,451 करोड़ रुपये मिले।

पीएमजीकेवाई के बंद होने की घोषणा करते हुए राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि इस योजना का रेस्पॉन्स सरकार की 'उम्मीदों के मुताबिक' नहीं रहा है।

गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लोगों को काले धन का खुलासा करने का कानूनी रास्ता दिया था। अधिकारी ने बताया, '31 मार्च 2017 तक 21,000 लोगों ने 4,900 करोड़ रुपये के काले धन का खुलासा किया।'

अधिकारी ने बाताया कि कुछ मामलों में आयकर विभाग कानूनी कार्रवाई भी कर रहा है।

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गौरतलब है कि सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2016 के दिसबंर में की थी। इस योजना के तहत काला धन रखने वाले लोगों को टैक्स और कुल रकम का 50 फीसदी जुर्माना देकर काले धन का खुलासा करने की मंजूरी दी थी। यह योजना 31 मार्च 2017 तक लागू थी।

8 नवंबर को नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री ने इस योजना की घोषणा की थी। भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बैन कर दिया था।

गौरतलब है कि नोटबंदी के नतीजे भी सरकार के लिए अच्छे नहीं रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के जारी आंकड़ों के मुताबिक 15.44 लाख करोड़ रुपये के प्रतिबंधित नोट में से 15.28 लाख करोड़ रुपये नोटबंदी के बाद बैंकों में वापस आ चुके हैं।

नोटबंदी से पहले करेंसी मार्केट में 500 और 1000 रुपये के 15.44 लाख करोड़ रुपये के नोट थे और नोटबंदी के बाद सरकार को इसमें से 15.28 लाख करोड़ रुपये मिल गए। यानी महज 16 हजार करोड़ रुपये की रकम वापस सिस्टम में वापस नहीं आ पाई जो कुल प्रतिबंधित राशि का महद एक फीसदी है।

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यह योजना एक तरह टैक्स देकर काले धन को सफेद करने का अंतिक मौका था। इस योजना के तहत काले धन का खुलासा करने पर 49.9 फीसदी टैक्स, सरचार्ज और जुर्माने के भुगतान किया जाना था।

इसके साथ ही कुल जमा काले धन के 25 फीसदी हिस्से को 4 साल तक खाते से नहीं निकाला जा सकता था और इस पर किसी तरह का ब्याज भी नहीं दिया जाना था।

इस योजना के पहले आईडीएस के तहत लोगों को काले धन का खुलासा करने की अनुमति थी। इस योजना के तहत 1 जून 2016 से 30 सितंबर 2016 तक 71,726 लोगों ने कुल 67,382 करोड़ रुपये का खुलासा किया था। अभी तक आईडीएस के तहत सरकार को 12,700 करोड़ रुपये बतौर टैक्स मिले।

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