logo-image

इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) के ग्राहकों के लिए खुशखबरी, सस्ते हुए होम और ऑटो लोन

इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) ने 1 साल के कर्ज पर MCLR 8.65 फीसदी से घटाकर 8.60 फीसदी कर दिया है. नई दरें 14 मई से लागू होंगी.

Updated on: 14 May 2019, 01:21 PM

highlights

  • इलाहाबाद बैंक ने 1 साल के कर्ज पर MCLR 8.65 फीसदी से घटाकर 8.60 फीसदी किया
  • 1 महीने, 3 महीने और 6 महीने के MCLR क्रमश: 8.20 फीसदी, 8.40 फीसदी और 8.45 फीसदी
  • MCLR घटने पर लोन की EMI सस्ती हो जाती है, नई दरें 14 मई से लागू हो जाएंगी

नई दिल्ली:

इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) के ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी है. इलाहाबाद बैंक के ग्राहकों को अब होम और ऑटो लोन के लिए EMI कम चुकानी होगी. दरअसल, सरकारी बैंक इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) घटाने का ऐलान किया है. इलाहाबाद बैंक ने अलग-अलग कार्यकाल (tenure) के लिए बेंचमार्क उधार दर (MCLR) में 0.05 फीसदी की कमी की घोषणा की है.

यह भी पढ़ें: Jio (रिलायंस जियो) ने OnePlus 7 के लिए दिया जबर्दस्त ऑफर, 9,300 रुपये के फायदे

सस्ता हो जाएगा होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन
इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) के इस कदम के बाद ग्राहकों का होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन सस्ता हो जाएगा. गौरतलब है कि MCLR घटने से मौजूदा लोन सस्ते हो जाते हैं. ग्राहकों को पुरानी EMI के मुकाबले घटी हुई EMI देनी पड़ती है. बता दें कि पिछले महीने RBI ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी. उसके बाद से कई सरकारी बैंक दरें घटा चुके हैं. रिजर्व बैंक की अगली तिमाही बैठक जून में होगी.

यह भी पढ़ें: जेट एयरवेज (Jet Airways) से बुरी खबर, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर ने भी छोड़ी कंपनी

MCLR घटाकर 8.60 फीसदी किया
इलाहाबाद बैंक द्वारा BSE को दी गई जानकारी के मुताबिक बैंक ने 1 साल के कर्ज पर MCLR 8.65 फीसदी से घटाकर 8.60 फीसदी कर दिया है. नई दरें 14 मई से लागू होंगी. बता दें कि बैंकों के ज्यादातर लोन 1 साल की इसी दर से तय होते हैं. 1 महीने, 3 महीने और 6 महीने के लोन के लिए बैंक का MCLR क्रमश: 8.20 फीसदी, 8.40 फीसदी और 8.45 फीसदी हो गया है.

यह भी पढ़ें: खुशखबरी: इंडिगो (IndiGo) का धमाकेदार ऑफर, सिर्फ 999 रुपये में करें हवाई यात्रा

MCLR क्या है - What is MCLR
MCLR को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट भी कहते हैं. इसके तहत बैंक अपने फंड की लागत के हिसाब से लोन की दरें तय करते हैं. ये बेंचमार्क दर होती है. इसके बढ़ने से आपके बैंक से लिए गए सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं. साथ ही MCLR घटने पर लोन की EMI सस्ती हो जाती है.