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Union Budget 2019: बजट से आम आदमी, इंडस्ट्री और कॉर्पोरेट्स को हैं काफी उम्मीदें, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Union Budget 2019: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार (5 जुलाई) को पूर्ण बजट (Budget) पेश करेंगी. आम लोगों, इंडस्ट्री और कॉर्पोरेट वर्ल्ड को आने वाले बजट से काफी उम्मीदें हैं.

Updated on: 04 Jul 2019, 03:17 PM

नई दिल्ली:

Union Budget 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुवाई में केंद्र सरकार अपना पहला पूर्ण बजट कल यानि शुक्रवार को पेश करने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार (5 जुलाई) को पूर्ण बजट (Budget) पेश करेंगी. आम लोगों, इंडस्ट्री और कॉर्पोरेट वर्ल्ड को आने वाले बजट से काफी उम्मीदें हैं. क्या हैं वो उम्मीदें आइये जान लेते हैं.

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कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को हटाया जाए: CPAI
कमोडिटी बाजार के ब्रोकर्स के एसोसिएशन Commodity Participants Association of India-CPAI के प्रेसिडेंट नरेंद्र वाधवा के मुताबिक कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को कम
करने या पूरी तरह से खत्म करने की मांग की है. CPAI ने कहा है कि कमोडिटी मार्केट में मौजूदा समय काम करना काफी महंगा है. ऐसे में इसकी कास्टिंग को कम करने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए. इसके अलावा कमोडिटी मार्केट में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा नए प्रोडक्ट लॉन्च किए जाएं.

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NPS हो सकता है पूरी तरह से टैक्स फ्री
सरकार NPS को ज्यादा से ज्यादा आकर्षक बनाने लेकर प्रतिबद्ध नजर आ रही है. रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों की सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार इस बार के बजट में NPS को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है. इस बार के बजट में NPS को पूरी तरह से टैक्स फ्री करने का प्रस्ताव आ सकता है.

NPS में तीनों स्तर पर मिल सकती है टैक्स छूट
PPF और EPF की तर्ज पर NPS को EEE का दर्जा मिल सकता है. मतलब ये हुआ कि NPS को तीनों स्तर पर टैक्स में छूट मिलेगी, यानि कि निवेश, ब्याज और निकासी पर पूरी तरह से टैक्स छूट का लाभ निवेशकों को मिलेगा. अगर सरकार बजट में NPS को लेकर यह घोषणा करती है तो निवेशकों को किसी भी स्तर पर टैक्स नहीं देना होगा.

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गोल्ड इंपोर्ट पर घट सकती है ड्यूटी
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने एक जवाब में कहा है कि ज्वैलरी सेक्टर (Jewellery Sector) की ओर से सोने (Gold) पर इंपोर्ट
घटाने की मांग आई है. इसके अलावा वाणिज्य मंत्रालय ने भी गोल्ड इंपोर्ट पर ड्यूटी घटाने की सिफारिश की है. उनका कहना है कि उद्योग मंत्रालय ने भी गोल्ड इंपोर्ट को चरणों में घटाने का प्रस्ताव दिया है.

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इंपोर्ट ड्यूटी को घटाकर 6 फीसदी तक लाया जाए: उद्योग मंत्रालय
उद्योग मंत्रालय की सिफारिश है कि गोल्ड इंपोर्ट पर लगने वाली 10 फीसदी ड्यटी को चरणों में घटाकर 6 फीसदी तक लाया जाए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बजट की तैयारियों के दौरान गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने को लेकर आई सभी प्रस्तावों की समीक्षा जारी है.

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रीयल एस्टेट को उद्योग का दर्जा दिए जाने की मांग
2022 तक सभी को मकान का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार आगामी बजट में अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के लिए कदम उठा सकती है. रियल एस्टेट कंपनियों ने रीयल एस्टेट क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिए जाने की मांग की है. रियल्टी परियोजनाओं के विकास की मंजूरी के लिए एकल व्यवस्था और मकान खरीदारों को टैक्स छूट का प्रावधान किया जाए. इसके अलावा कंपनियों को कर छूट देने की मांग की है.

STT को खत्म करने की मांग
शेयर बाजार के विशेषज्ञों के मुताबिक बजट में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती और STT को लेकर फैसले किए जाने की उम्मीद है. शेयर बाजार के ब्रोकर्स ने सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) में कटौती या इसे पूरी तरह से खत्म करने की मांग की है.

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महिलाओं के लिए हो सकता है ऐलान
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में सरकार ने 8 करोड़ गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा था, इसमें से वो 6 करोड़ कनेक्शन देने में सफल भी रही थी. ऐसे में महिलाओं को उम्मीद है कि इसका दायरा बजट में बढ़ सकता है. 2019-20 के बजट से महिला टैक्सपेयर्स की उम्मीद है कि काफी समय से चली आ रही 'पेरेंटल लीव' लागू किए जाने की मांग पूरी हो सकती है.

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आयकर दाताओं को टैक्स में छूट की उम्मीद
बता दें कि नरेंद्र मोदी की सत्ता में दोबारा वापसी के बाद उनका पहला बजट होगा. मध्यवर्ग, उद्योग, सैलरीड क्लास को आयकर में जहां राहत और टैक्स छूट में बढ़ोतरी की उम्मीद है. वहीं जानकार बजट में इनकम टैक्स के मोर्चे पर अभी भी अनिश्चितता जता रहे हैं. अंतरिम बजट में 5 लाख तक की कमाई पर टैक्स में मिली थी छूट बता दें कि फरवरी में वित्‍त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट में 5 लाख तक की कमाई वालों को टैक्स से छूट दी थी.

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दरअसल सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट की सीमा बढ़ा दी गई थी. टैक्स छूट 2,500 रुपये से बढ़कर 12,500 रुपये कर दी गई. जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपये तक है उन्हें इसका लाभ मिलता है. मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब की बात करें तो सालाना ढाई लाख रुपये की आय वाले व्यक्तियों को आयकर से छूट प्राप्त है, जबकि 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये सालाना आय वालों को 5 फीसदी टैक्स देना पड़ता है.