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शुक्रवार को पेश होगा मोदी 2.0 सरकार का पहला बजट, जानें किन दिग्गजों ने तैयार किया बजट

2019 के लोकसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने के बाद भारतीय जनता को मोदी सरकार 2.0 के पहले बजट से काफी उम्मीदें हैं.

Updated on: 04 Jul 2019, 06:37 PM

highlights

  • शुक्रवार को सदन में पेश होगा बजट
  • मोदी 2.0 सरकार का पहला बजट
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी बजट

नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सहित उनकी विशेष टीम आम बजट पेश की करने की तैयारियों में लग गईं हैं. शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 पहला बजट पेश किया जाएगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने के बाद  भारतीय जनता को मोदी सरकार 2.0 के पहले बजट से काफी उम्मीदें हैं. इस बजट से मोदी सरकार अपनी दूसरी पारी की शुरुआत मास्टर स्ट्रोक के साथ करना चाहेगी. भारतीय जनता को उम्मीद है कि इस बजट में वित्त मंत्री आम जनता की जरूरतों को ध्यान में रखेंगी जिससे कि मध्यम वर्ग के लोगों को सहूलियत मिले. साथ ही वित्त मंत्री को इस बजट में सहूलियत के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का भी ध्यान रखना होगा.  मोदी 2.0 का पहला बजट तैयार करने में देश के कई दिग्गज अधिकारियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का सहयोग किया है. आइये जानते हैं इन दिग्गज अधिकारियों के बारे में जो कि मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट तैयार कर रहे हैं.  

नरेंद्र मोदी 2.0 सरकार का पहला बजट काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वित्त मंत्री को इस बजट में अर्थव्यवस्था की बहुत सारी चुनौतियों से निपटना है. देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था में सुस्ती जैसे हालात हैं, अगर इस पर काबू नहीं किया ता ये मंदी के हालात में बदल सकते हैं. अंग्रेजी दैनिक इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक नरेंद्र मोदी 2.0 सरकार का पहला बजट तैयार करने में मुख्य रूप से इन दिग्गज अधिकारियों ने वित्त मंत्री निर्मलासीतारमण का सहयोग किया है. इन दिग्गजों की सलाह निश्चित रूप से वित्त मंत्री के लिए बहुत कारगर रही होगी. आइए हम आपको इन दिग्गजों से रूबरू करवाते हैं.

के. सुब्रमण्यन, मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA)
के सुब्रमण्यन ने अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी से फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स में पीएचडी किया है. के सुब्रमण्यन ने पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और प्रोफेसर लुइगी जिंगालेस के नेतृत्व में फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स से पीएचडी किया है. सुब्रमण्यन गुरुवार को अपना पहला आर्थिक सर्वेक्षण सदन में रखा जिसे वित्त मंंत्री ने राज्यसभा में पेश किया. भारत की मौजूदा अर्थव्यवस्था की सुस्ती को दूर करने के लिए उनकी सलाह निश्चित रूप से बजट तैयार करने में सीतारमण के लिए काफी काम आएगी.

जीसी मुर्मू, व्यय सचिव
जीसी मुर्मू गुजरात काडर के आईएएस अधिकारी हैं जो कि पहले भी वित्तीय सेवाओं और राजस्व विभाग के लिए काम कर चुके हैं. मुर्मू योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में माहिर हैं. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि प्रधानमंत्री की पसंदीदा योजनाओं को इस बजट में पूरी तरह आगे बढ़ाया जाए और खर्चों पर भी लगाम कसी रहे.

अतानु चक्रवर्ती, डीआईपीएएम सचिव
अतानु चक्रवर्ती मौजूदा डीआई पीएएम सचिव हैं. अतानु 1985 बैच के गुजरात काडर के इस आईएएस अधिकारी हैं. इन्होंने पिछले साल सरकार के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में बेहतरीन काम किया था जिसके लिए इन्होंने सरकार को कई उपयोगी सलाह दी थीं. अभी भी सार्वजनिक कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने का महत्वपूर्ण एजेंडा उनके सामने हैं. वित्त मंत्री को निश्चित रूप से उनकी सलाहों से इस बजट को पेश करने में काफी मदद मिली होगी.

सुभाष गर्ग, वित्त और आर्थ‍िक मामलों के सचिव
सुभाष गर्ग के बारे में कहा जाता है कि वो वित्त मंत्रालय के पुराने खिलाड़ी गर्ग अर्थव्यवस्था की कई चुनौतियों से गुजरने वाली तनी हुई रस्सी पर चलने के अभ्यस्त हैं. ग्रोथ रेट कम होने, उपभोग घटने, निजी निवेश घटने के हालात में उपाय किस तरह से किया जाएं कि राजकोषीय मजबूती भी बनी रहे, इसमें गर्ग से बेहतरीन सलाह शायद ही कोई दे पाए.

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अजय भूषण पांडेय, राजस्व सचिव
अजय भूषण पांडेय ने देश को आधार कार्ड परियोजना को साकार करने वाली यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी में कौशल दिखाया जिसका उपयोग इस समय पूरा देश कर रहा है अब राजस्व के मोर्चे पर अजय भूषण क्या कुछ नया देंगे यह देखना बाकी है.  क्या कर राजस्व बढ़ाने और टैक्सपेयर्स की सुविधा बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का विस्तार किया जाएगा? सुस्त अर्थव्यवस्था में सरकारी खर्च बढ़ाने की दरकार है, तो उनके सामने चुनौती काफी कठिन थी. बजट पेश होने के बाद पता चलेगा कि उन्होंने क्या सुझाव दिया है.

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राजीव कुमार, वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव
नरेंद्र मोदी 2.0 सरकार के बहुत से प्रमुख एजेंडा जैसे सार्वजनिक बैंकों के विलय, फंसे कर्जों पर अंकुश आदि पर काम करने में राजीव कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. अभी उनके खाते में बीमा कंपनियों के विलय और सार्वजनिक बैंकों में सुधार की भी जिम्मेदारी है. शुक्रवार को बजट में उनका क्या योगदान है देश को पता चलेगा.

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