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Union Budget 2019 : मोदी सरकार 2.0 के बजट को मिली उद्योग जगत की सराहना, जानें क्‍या कहा एसोचैम ने

एसोचैम ने बजट में ग्रामीण और सामाजिक क्षेत्र के लिए बनाई गई योजनाओं का समर्थन किया है. संगठन को उम्‍मीद है कि सरकार का पेश बजट विकास को बढ़ाएगा.

Updated on: 05 Jul 2019, 04:24 PM

नई दिल्‍ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 का बजट (Budget) पेश किया. इस दौरान कई चीजों में उन्होंने आम लोगों को राहत दी. वहीं कई चीजों के दाम में इजाफा होने से लोगों की जेब ज्यादा ढीली होने वाली है. मोदी सरकार 2.0 के इस पहले बजट (Budget) पर भारत के उद्योग और वाणिज्य मामलों से जुड़े संगठन एसोचैम ने कहा है कि यह आम आदमी पर केंद्रित करने वाला बजट (Budget) है. इसमें कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का ध्यान रखा गया है.

एसोचैम के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने कहा कि इससे सामान और सेवाओं की मांग काफ़ी बढ़ेगी. उन्होंने कहा, "फ़्रिंज बेनिफ़िट टैक्स और सामान को लाने- ले जाने पर लगाए जाने वाले टैक्स को समाप्त करना मुख्य रूप से स्वागत योग्य कदम है और इससे उद्योगों को अपना आधारभूत ढांचा मज़बूत करने में मदद मिलेगी."

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एसोचैम ने बजट (Budget) में ग्रामीण और सामाजिक क्षेत्र के लिए बनाई गई योजनाओं का समर्थन किया है. संगठन को उम्‍मीद है कि सरकार का पेश बजट (Budget) विकास को बढ़ाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जो सेक्टर मंदी से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं उन्हें कुछ और राहत दी जानी चाहिए थी.

बड़ी कारों पर 20 हज़ार रुपयों का अतिरिक्त कर लगाना ठीक नहीं

जनरल मोटर्स के कार्यकारी निदेशक कार्ल स्लैम ने बजट (Budget) को उत्साहवर्धक बताया और कहा कि इसमें स्वास्थ्य सेवाएं , आधारभूत ढांचे, शिक्षा, कृषि, सिंचाई और दूसरी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा, "जहां तक वाहन उद्योग का सवाल है, बजट (Budget) हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है. इस क्षेत्र में कर कम करने के बजाय बड़ी कारों पर 20 हज़ार रुपयों का अतिरिक्त कर लगा दिया गया है."

फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने पीपीपी मॉडल और रेलवे का प्रोत्साहन एक स्वागत योग्य कदम बताया. वहीं Ficci की पूर्व प्रेसीडेंट नैना लाल किदवई ने बजट पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि यह बहुत व्यापक बजट था.