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12 करोड़ नौकरीपेशा लोगों को इस बार Income Tax में मिल सकती है बड़ी राहत

1 फरवरी को मोदी सरकार (Narendra Modi Government) अपना पहला अंतरिम बजट पेश (Budget 2019) करेगी.

Updated on: 01 Feb 2019, 09:03 AM

नई दिल्‍ली:

1 फरवरी को मोदी सरकार (Narendra Modi Government) अपना पहला अंतरिम बजट पेश (Budget 2019) करेगी. लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) से पहले इस बजट (Budget) से अगर सबसे ज्‍यादा किसी को उम्‍मीद है तो वो है नौकरीपेशा वर्ग (Service class) . इनकम टैक्‍स (Income Tax) के बोझ तले दबा यह वर्ग (Salaried Person) लंबे समय से Income Tax स्‍लैब बढ़ाने की मांग कर रहा है.

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इस बार लोगों को उम्‍मीद है कि इस बार मोदी सरकार Income Tax की छूट सीमा 5 लाख रुपये तक कर सकती है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक अंतरिम बजट में कर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जा सकती है. इसके अलावा Section 80C के तहत अधिकतम डिडक्शन को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया जा सकता है. इसी प्रकार 6-80 वर्ष के बीच के सीनियर सिटीजन्स और 80 वर्ष से अधिक उम्र के सुपर-सीनियर सिटीजन्स के लिए टैक्स लिमिट बढ़ाई जा सकती है.

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आंकड़े बताते हैं कि देश मे करीब 12 करोड़ से ज़्यादा लोग MSME सेक्टर में काम कर रहे है, जबकि पंजीकृत और गैर पंजीकृत करीब 5 करोड़ से ज्यादा MSME मौजूद हैं. इनफॉर्मल सेक्टर का देश के GDP में तकरीबन 27% का योगदान है. इसमें से 7% करीब मैन्युफैक्चरिंग में है और करीब 21% योगदान सर्विस इंडस्ट्री का है. सरकार का लक्ष्य है कि इनफॉर्मल सेक्टर में सोशल सिक्योरिटी के जरिए ना केवल नौकरियां पैदा होंगी बल्कि फॉर्मल सेक्टर पर पड़ने वाले दबाव को भी कम किया जा सकेगा.

2014-15 में अंतिम बार टैक्स स्लैब में बदलाव

कर स्लैब में इससे पहले 2014-15 में बदलाव किया गया था. यह मोदी सरकार का पहला बजट था और इसमें कर छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई थी. इस बजट में Section 80C के तहत अधिकतम डिडक्शन की सीमा में भी बदलाव किया गया था. 2014-15 से इस सेक्शन के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये की रकम पर छूट का दावा किया जा सकता है. इसके पहले यह सीमा 1 लाख रुपये थी.

2017-18 में टैक्स रेट में कमी से मिली थी राहत

अपने पहले बजट में मोदी सरकार ने टैक्स से लोगों को कुछ राहत दी थी, उसके बाद 2017-18 में भी लोगों को राहत मिली. वित्त वर्ष 2017-18 में 2.5 लाख-5 लाख रुपये के बीच की आय पर 5 फीसदी की दर से टैक्स वसूलने का फैसला किया गया.

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पहले यह दर 10 फीसदी थी. इसके अलावा इस बजट में एक और बड़ा बदलाव हुआ था. 50 लाख-1 करोड़ रुपये की टैक्सेबल आय पर सुपर-रिच सरचार्ज लगाया गया.

वर्ष 2018-19 के लिए यह है स्‍लैब

60 साल से कम उम्र के नागरिक

  • 60 साल से कम उम्र के नागरिकों के लए 2.5 लाख रुपए तक कोई इनकम टैक्स नहीं लगता है.
  • अगर आय 2,50,001 से 5,00,000 रुपए तक है तो 5 फीसदी टैक्स ( कुल आय में से 2.5 लाख घटा कर) लगेगा और इस पर 4 फीसदी सेस भी देने पड़ेंगे.
  • 5,00,001 से 10,00,001 रुपए तक 12,500 रुपए आय पर 20 फीसदी (कुल आय में से 5 लाख घटाकर) और 4 फीसदी सेस लगेगा
  • 10 लाख रुपए से ज्यादा इनकम पर 1,12,500 रुपए + 30 फीसदी ( कुल आय से 10 लाख रुपए घटाकर) + 4 फीसदी सेस लगेगा

60 साल से 80 साल के नागरिकों के लिए (सीनियर सिटीजन)

  • 3 लाख रुपए तक कोई इनकम टैक्स या सेस नहीं लगेगा
  • 3,00,001 से 5 लाख रुपए तक के इनकम पर 5 फीसदी (कुल आय में से 3 लाख घटाकर) + 4 फीसदी सेस लगेगा
  • 5,00,001 रुपए से 10 लाख रुपए तक इनकम पर 10,000 रुपए + 20 फीसदी (कुल आय में से 5 लाख घटाकर) + 4 फीसदी सेस लगेगा
  • 10 लाख रुपए से ज्यादा इनकम पर 1,10,000 रुपए + 30 फीसदी (कुल आय में से 10 ला घटाकर) + 4 फीसदी सेस लगेगा

80 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों के लिए ( सुपर सीनियर सिटीजन)

  • 5 लाख रुपए तक कोई इनकम टैक्स या सेस नहीं
  • 5,00,001 रुपए से 10 लाख रुपए तक के इनकम पर 20 फीसदी (कुल आय में से 5 लाख रुपए घटाकर) + 4 फीसदी सेस
  • 10 लाख रुपए से ज्यादा 1,00,000 रुपए + 30 फीसदी (कुल आय में से 10 लाख रुपए घटाकर) + 4 फीसदी सेस