Budget 2019: छात्र नेता से लेकर कैबिनेट मंत्री तक का ऐसा था नितिन गडकरी का सफर
लगातार दो लोकसभा चुनाव (2004, 2009) में पार्टी के खराब दौर से गुजरने के बाद गडकरी ने पार्टी को नए सिरे से खड़ा किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में गडकरी ने काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई और सड़क परिवहन, जहाजरानी व अन्य मंत्रालयों में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी.
नई दिल्ली:
अपने दम पर राजनीति और कारोबार में सफलता के मुकाम हासिल करने वाले नितिन जे. गडकरी (62) पूर्वी महाराष्ट्र के नागपुर से आते हैं. उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (AVBP) और भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) से अपनी राजनीति के कॅरियर की शुरुआत की. अभाविप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का विंग है तो भाजयुमो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का विंग है. मिलनसार और मृदु स्वभाव के व्यक्ति गडकरी ब्राह्मण हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद वह प्रदेश में पहली बार मनोहर जोशी की अगुवाई में बनी विपक्षी गठबंधन शिवसेना-बीजेपी की सरकार (1995-1999) में मंत्री बने.
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सभी दलों के नेताओं के साथ अच्छे व्यक्तिगत संबंध वाले गडकरी को प्रदेश में बुनियादी परिवहन ढांचा में सुधार करने का श्रेय जाता है. उन्होंने इस कार्य का अपनी दिलचस्पी के साथ बखूबी अंजाम दिया, जिससे उनको जल्द ही प्रमुखता मिली. उनको मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे समेत सैकड़ों फ्लाइओवर, सड़क और राज्य व राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का श्रेय जाता है.
वह महाराष्ट्र में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे, लेकिन उनके पास सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी 2009 में आई जब उनको बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया और पार्टी में बदलाव लाने और नए सिरे से पार्टी को खड़ा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई. वह 2013 तक इस पद पर बने रहे.
लगातार दो लोकसभा चुनाव (2004, 2009) में पार्टी के खराब दौर से गुजरने के बाद गडकरी ने पार्टी को नए सिरे से खड़ा किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में गडकरी ने काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई और सड़क परिवहन, जहाजरानी व अन्य मंत्रालयों में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी. उनको दोबारा मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
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गडकरी का राजनीतिक जीवन
नितिन गडकरी ने 1973 में नागपुर विश्वविद्यालय में भारतीय जनता पार्टी की छात्र शाखा ABVP से जुड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की. वो महज 23 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने, और अपने अपने आकर्षित और ऊर्जावान व्यक्तित्व के दम पर आरएसएस के चहेते नेता के रूप में उभरे. 1995 में वे महाराष्ट्र में शिव सेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए जहां उन्होंने 4 साल तक काम किया साल 1989 में वो पहली बार विधान परिषद पहुंचे थे.
नितिन गडकरी का शुरुआती जीवन
नितिन गडकरी 27 मई 1957 को हुआ है. उनका जन्म महाराष्ट्र के नागपुर जिले में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ. वे कामर्स में स्नातकोत्तर हैं इसके अलावा उन्होंने कानून तथा बिजनेस मनेजमेंट की पढ़ाई भी की है. गडकरी ने 1976 में नागपुर विश्वविद्यालय में बीजेपीकी छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की, बाद में वह 23 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने. अपने ऊर्जावान व्यक्तित्व और सब को साथ लेकर चलने की खूबी की वजह से वे सदा अपने वरिष्ठ नेताओं के प्रिय बने रहे. 1995 में वे महाराष्ट्र में शिव सेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए और चार साल तक मंत्री पद पर रहे. 1989 में वे पहली बार विधान परिषद के लिए चुने गए, पिछले 20 वर्षों से विधान परिषद के सदस्य हैं और आखिरी बार 2008 में विधान परिषद के लिए चुने गए. वे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रहे हैं.
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विवादों से भी रहा है नाता
नितिन गडकरी का विवादों से भी नाता रहा है साल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान गडकरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ कथित आपत्तिजनक बयान दिया था जिसके लिए वो विवादों में घिर गए थे. इसके बाद चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसके अलावा एसएमएस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के अजय संचेती से भी इनके करीबी रिश्ते बताए जाते हैं. अजय संचेती पर छत्तिसगढ़ में कम कीमतों पर कोयला आवंटन का आरोप लगा था.
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