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अंतरिम बजट 2019: पांच वर्षो में 1 लाख गांव होंगे डिजिटल- पीयूष गोयल

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए डिजिटलीकरण को लेकर कहा कि आगामी पांच वर्षो के दौरान एक लाख गांवों को डिजिटल किया जाएगा.

Updated on: 02 Feb 2019, 12:09 PM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार ने अगले पांच सालों में एक लाख गांवों को डिजिटल करने का लक्ष्य रखा है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए डिजिटलीकरण को लेकर कहा कि आगामी पांच वर्षो के दौरान एक लाख गांवों को डिजिटल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जन सुविधा केन्द्रों (सीएससी) के विस्तार के जरिये इस लक्ष्य को हासिल किया जाएगा. पीयूष गोयल ने कहा, "जन सुविधा केन्द्र गांव में कनेक्टिविटी के साथ-साथ अपनी सेवाओं का विस्तार कर रहे हैं और डिजिटल ढांचा भी तैयार कर रहे हैं, जिससे हमारे गांव डिजिटल गांवों में बदल रहे हैं. तीन लाख से अधिक जन सुविधा केन्द्र लगभग 12 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करने के साथ-साथ नागरिकों को अनेक डिजिटल सेवाएं भी प्रदान कर रहे हैं."

वित्त मंत्री ने कहा, "अब दुनिया में भारत में सबसे सस्ते मोबाइल टैरिफ उपलब्ध हैं, भारत अब दुनिया में मोबाइल डेटा के उपयोग के मामले में विश्व में अग्रणी है."

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षो के दौरान मोबाइल डेटा के मासिक उपयोग में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. भारत में अब डेटा और वॉयस कॉल्स की कीमत संभावत: विश्व में सबसे कम है.

पीयूष गोयल ने कहा, "मेक इन इंडिया' के अंतर्गत भारत मोबाइल पुर्जो की निर्माता कंपनियों के साथ नई ऊंचाइयों को छू रहा है. आज मेक इन इंडिया के तहत मोबाइल और मोबाइल पुर्जो की निर्माता कंपनियों की संख्या 2 से बढ़कर 268 से अधिक हो गई है जो रोजगार के अपार अवसर प्रदान कर रही है." 

बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद जेएएम-डीबीटी ने दूरगामी परिवर्तन किए हैं. वित्त मंत्री ने जन-धन-आधार-मोबाइल (जेएएम) और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के दूरगामी परिवर्तनों को बताया. 

पीयूष गोयल ने कहा, "बैंकों के राष्ट्रीकरण को 50 वर्ष हो चुके हैं लेकिन देश का एक बड़ा हिस्सा आर्थिक मुख्यधारा से अछूता है, उनकी औपचारिक बैंकिंग तक पहुंच नहीं है. पिछले पांच वर्षो के दौरान लगभग 34 करोड़ जन धन बैंक खाते खोले गए हैं." 

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वित्त मंत्री ने कहा कि आधार ने लाभार्थियों तक सब्सिडी की पहुंच को सुनिश्चित किया है. उन्होंने कहा, "अब आधार को सार्वभौमिक रूप से कार्यान्वित किया गया है. आधार ने गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों तक सरकारी योजनाओं के लाभ को सीधे उनके बैंक खातों में पहुंचना सुनिश्चित किया है. इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है."