logo-image

आयकर में छूट के जरिए विपक्ष की उम्‍मीदों पर मोदी सरकार की Surgical Strike

मोदी सरकार ने आयकर छूट (Income Tax Slab) की सीमा बढ़ाकर जहां आम जनता की उम्‍मीदों को पूरा किया है वहीं विपक्ष की आशाओं पर सर्जिकल स्‍ट्राइक.

Updated on: 01 Feb 2019, 03:42 PM

नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) से पहले सवर्ण आरक्षण (General Catagory Reservation) के जरिए दिल्‍ली की सत्‍ता पर कब्‍जा जमाने की विपक्ष (Opposition) की उम्‍मीदों पर कुठाराघात करने के बाद अब मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने एक और सर्जिकल स्‍ट्राइक (Surgical Strike) कर दिया है. नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने इस बजट (Baudget 2019) में नौकरीपेशा (Tax Pair) लोगों नाउम्मीद नहीं की.

यह भी पढ़ेंः जब लगा अब नहीं मिलेगा का कुछ भी तभी हो गई वेतनभोगियों के लिए सौगातों की बरसात

पिछले 5 साल से देश की जनता को टैक्स (Income Tax) के मोर्चे पर सरकार से रियायत की बड़ी उम्मीद थी. मोदी सरकार ने आयकर छूट (Income Tax Slab) की सीमा बढ़ाकर जहां आम जनता की उम्‍मीदों को पूरा किया है वहीं विपक्ष की आशाओं पर सर्जिकल स्‍ट्राइक.

यह भी पढ़ेंः INTERIM BUDGET 2019 : ग्रेच्‍युटी की सीमा हुई दोगुनी, 10 लाख से 20 लाख हुई

अब इस नए ऐलान से वेतनभागियों के चेहरों पर मुस्‍कान है. आखिर हो भी क्‍यों नहीं. अब नौकरी-पेशा लोगों को 5 लाख रुपये तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. अब तक ढाई लाख से 5 तक लाख रुपये तक की कमाई पर 5 फीसदी Income Tax देना पड़ता था.

यह भी पढ़ेंः Budget 2019: BJP ने किया बजट का जोरदार स्वागत,अमित शाह ने बताया किसानों और मजदूरों का बजट

नए ऐलान से पहले 5 लाख रुपये तक की आदमनी पर 5 फीसद आयकर देना पड़ता था. अगर किसी की कमाई ढाई लाख रुपये से ज्यादा थी, तो उसे साढ़े 12 हजार रुपये तक टैक्स चुकाना पड़ता था. यानी अब अगले वित्‍त वर्ष (2019-20) 5 लाख रुपये तक आमदनी वालों को सालाना साढ़े 12 हजार रुपये की बचत होनी वाली है.

अपने बजट भाषण में पीयूष गोयल ने कहा कि इस छूट का लाभ 3 करोड़ मध्यवर्गीय करदाताओं को मिलेगा. नए स्लैब के मुताबिक 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की कमाई पर 20 फीसदी आयकर टैक्स लगेगा. जबकि 10 लाख से अधिक आमदनी वालों को 30 फीसदी कर वसूला जाएगा.

स्टैंटर्ड डिडक्शन की सीमा भी मोदी सरकार ने 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी है. यही नहीं, 40,000 रुपये तक की ब्याज आय पर अब कोई टीडीएस नहीं देना होगा. पीयूष गोयल ने अपने बजट भाषण में बताया कि अगर 6.5 लाख रुपये तक की कमाई करने वाले प्रोविडेंट फंड और अन्य इक्विटीज में निवेश करते हैं तो कोई टैक्स नहीं देना होगा.