रामगोपाल वर्मा ने ट्वीट कर कहा- मुझे नफरत है श्रीदेवी के दिल से, जो जिंदगी से हार गया
फिल्मकार राम गोपाल वर्मा बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी के निधन पर बहुत ज्यादा दुखी हैं और उन्होंने इसे लेकर भगवान को कोसा है।
मुंबई:
श्रीदेवी के अकस्मिक निधन से फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं पूरा देश स्तब्ध है। फिल्मकार राम गोपाल वर्मा बॉलीवुड अभिनेत्री के निधन पर बहुत ज्यादा दुखी हैं और उन्होंने इसे लेकर भगवान को कोसा है।
दिग्गज अभिनेत्री श्रीदेवी (54) का शनिवार रात अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह अपने पति बोनी कपूर और छोटी बेटी खुशी कपूर के साथ एक पारिवारिक विवाह समारोह में शामिल होने दुबई गई थीं।
राम गोपाल वर्मा ने ट्विटर पर एक लंबी भावुक टिप्पणी पोस्ट कर अपना दुख और क्रोध व्यक्त किया है, 'मुझे उम्मीद है कि मैं एक बुरा सपना देख रहा हूं, लेकिन मैं जानता हूं कि मैं सपने में नहीं हूं। मुझे श्रीदेवी से नफरत है, क्योंकि वह मुझे महसूस करा गईं कि वह भी आखिर में केवल एक इंसान थीं। मुझे नफरत है कि उनके दिल से, जो जिंदगी से हार गया।'
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वर्मा ने कहा, 'मुझे नफरत है कि उनके पास भी ऐसा दिल था, जो सामान्य दिलों की तरह धड़कना बंद कर सकता था। मुझे नफरत है कि मैं उनकी मौत को देखने के लिए जिंदा था। मैं उनकी जान लेने वाले भगवान से नफरत करता हूं और वह नहीं रहीं, इसलिए मैं उनसे भी नफरत करता हूं। मैं आपसे प्यार करता हूं श्री, आप जहां भी हो..मैं हमेशा आपसे प्यार करता रहूंगा।'
I HATE GOD FOR KILLING SRIDEVI and I HATE SRIDEVI FOR DYING and here is the reason https://t.co/hsxyNeOmRR
— Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) February 25, 2018
फिल्मकार ने पहले इसे बुरा सपना और मजाक समझा था। उन्होंने ने कहा, 'मैंने सोचा था कि यह तो एक बुरा सपना है, या कोई मजाक और मैं वापस सो गया। एक घंटे बाद मैं जानने के लिए उठा और मुझे उनके निधन के लगभग 50 संदेश मिले।'
राम गोपाल ने श्रीदेवी से जुड़ी पुरानी यादों को साझा करते हुए कहा, 'जब मैं विजयवाड़ा के इंजीनियरिंग कॉलेज में था तब मैंने उनकी पहली तेलुगू फिल्म पड़ाहरेल्ला वयासू देखी थी। मैं उनकी सुंदरता से चकित रह गया था और मैं थियेटर से बाहर निकलकर सोच रहा था कि वह कोई वास्तविक व्यक्ति नहीं हो सकती हैं और उन्हें किसी कल्पना का स्वरूप होना चाहिए।'
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उन्होंने कहा, 'फिर मैंने उनकी कई अन्य फिल्में देखीं, जिनने उनकी प्रतिभा और उनकी सुंदरता दोनों के एक स्तर का निर्माण किया। वह ईश्वर की रचना की तरह थीं, जिसे उन्होंने बहुत ही अच्छे मूड में बनाया था। वह मानव जाति के लिए एक बहुत ही विशेष उपहार थीं। श्रीदेवी के साथ मेरी यात्रा शुरू हुई जब मैं अपनी पहली फिल्म शिवा की तैयारी कर रहा था। मैं चेन्नई में नागार्जुन के कार्यालय से पास की सड़क तक चलकर जाता था, जहां श्रीदेवी रहती थीं और मैं वहां खड़ा होता था श्रीदेवी के घर को देखता था।'
वर्मा ने कहा कि यह श्रीदेवी की सुंदरता थी, जिसने उन्हें 'क्षणा क्षणं' की पटकथा लिखने के लिए प्रेरित किया, जो 1991 में रिलीज हुई थी।
'क्षणा क्षणं' मेरे द्वारा उनके लिए एक प्रेम-पत्र था। फिल्म के निर्माण के दौरान मैं उनकी सुंदरता, व्यक्तित्व और व्यवहार को देखते हुए अपनी आंखें नहीं बंद कर पाता था।
इसके साथ ही राम गोपाल ने यह भी कहा है कि वह रविवार को अपनी नई परियोजना का खुलासा करने वाले थे, लेकिन अभिनेत्री के असामयिक निधन के बाद अब उन्होंने अपनी घोषणा आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
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