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'पद्मावत' पर स्वरा के ओपन लेटर पर बॉलीवुड ने दिया करारा जवाब

स्वरा के विचारों से सहमत तो कुछ लोगों ने उन्हें जमकर लताड़ा। इसमें सोशल मीडिया के ट्रोल से लेकर इंडस्ट्री के सेलीब्रिटी तक शामिल है।

Updated on: 29 Jan 2018, 03:21 PM

नई दिल्ली:

फिल्म 'पद्मावत' संजय लीला भंसाली को लिखा गया स्वरा भास्कर का ओपन लेटर सुर्खियों में है। कुछ लोग स्वरा के विचारों से सहमत तो कुछ लोगों ने उन्हें जमकर लताड़ा। इसमें सोशल मीडिया के ट्रोल से लेकर इंडस्ट्री के सेलीब्रिटी तक शामिल है।

बता दें कि स्वरा ने एक न्यूज वेबसाइट पर प्रकाशित उनके ओपन लेटर (खुले पत्र) में फिल्म में 'सती' और 'जौहर' जैसी आत्मबलिदान के रिवाजों के महिमामंडन की निंदा की। उन्होंने दो टूक कहा कि फिल्म 'पद्मावत' ने उन्हें सुन्न कर दिया।

स्वरा ने लिखा, 'आपकी महान रचना के अंत में मुझे यही लगा। मुझे लगा कि मैं एक 'वजाइना' हूं। मुझे लगा कि मैं 'वजाइना' तक सीमित होकर रह गई हूं।'

इसके बाद इंडस्ट्री के कई लोग स्वरा के विरोध में आ गए। स्वरा का यह लंबा लेख अभिनेत्री व गायिका सुचित्रा कृष्णमूर्ति को पसंद नहीं आया।

कृष्णमूर्ति ने ट्वीट, ' 'यह फनी है कि जिस ऐक्ट्रेस ने खुद इरॉटिक डांसर/प्रॉस्टिट्यूट वाले किरदार को उतने ही जोश के साथ पेश किया हो वह एक सती रानी की कहानी देखने के बाद खुद एक वजाइना के तौर पर महसूस करने लगती हैं। यह कैसा आदर्श है...'

उन्होंने एक अन्य ट्वीट कर कहा, 'पद्मावत पर ये नारीवादी बहस क्या बेवकूफी भरी नहीं है? यह महिलाओं की एक कहानी भर है, भगवान के लिए इसे 'जौहर' की वकालत न समझें। अपने मतलब के लिए कोई और मुद्दा उठाएं, जो ऐतिहासिक कहानी न होकर वास्तव में हो।' 

हालांकि सुचित्रा के इस ट्वीट कर स्वरा ने जबरदस्त तरीके से जवाब भी दिया।, उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'यह फनी है कि लोग इस चीज से उबर नहीं पाते कि किसी महिला ने वजाइना शब्द का इस्तेमाल किया है! यह हास्यास्पद है कि 2440 शब्दों के आर्टिकल जिसे तर्क के साथ समझाया गया है उनमें से उन्हें केवल एक शब्द वजाइना याद रहा!!! इसलिए वजाइना वजाइना वजाइना वजाइना वजाइना वजाइना...वजाइना वजाइना वजाइना!!!' \

हालांकि स्वरा का विरोध करने वाली सुचित्रा अकेली नहीं हैं। 'पद्मावत' के हीरो शाहिद कपूर को भी स्वरा का यह तरीका पंसद नहीं आया, उन्होंने कहा जब पूरी फिल्म इंडस्ट्री 'पद्मावत' का सपोर्ट कर रही है, ऐसे में स्वरा का इस तरह विरोध जताना अजीब लग रहा है।

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शाहिद ने कहा, 'मैं यही कहूंगा कि यह समय इस तरह की चीजों के लिए नहीं है, पद्मावत पूरी फिल्म इंडस्ट्री को रेप्रिजेंट कर रही है, फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन और फ्रीडम ऑफ स्पीच को रेप्रिजेंट कर रही है। फिल्म को दर्शकों तक पहुंचाने का यह काम बहुत मुश्किल रहा है और ऐसे समय पर जब पूरी फिल्म इंडस्ट्री हमारे साथ खड़ी रही है, ऐसे में यह ओपन लेटर थोड़ा बेहूदा सा लग रहा है, जो उन्होंने अपने व्यक्तिगत विचार को लेकर लिखा है हालांकि सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है।'

इसके अलावा 'गोलियों की रासलीला: रामलीला' के को- राइटर ने भी एक ओपन लैटर लिखते हुए स्वरा भास्कर को करारा जवाब दिया है। उन्होंने लिखा, कई एक्टर्स, फिल्ममेकर और कलाकारों को लगता है कि वो सिनेमा में फेमिनिजम की नई परिभाषा देते हुए लोगों को रास्ता दिखाएंगे। ऐसे में उनके लिए यह समझना जरूरी है कि यादगार सच और झूठ में फर्क होता है।

फिल्मकार अशोक पंडित ने कहा, 'तर्कहीन और आधारहीन बातों से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश के अतिरिक्त यह और कुछ नहीं है। स्वरा भास्कर का दिमाग छोटा होकर एक महिला का अंग मात्र रह गया है। यह नारीवाद को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।'

निर्माता मनीष मल्होत्रा ने कटाक्ष किया, 'अब किसी ने ऐतिहासिक कहानी को सच मान लिया और 100 वर्ष पुरानी कहानी पर एक खुला पत्र लिख दिया। इसका मतलब ये है कि अगर आप इतिहास पर फिल्म बनाएं तो इसमें वर्तमान नारीवाद के सापेक्ष में बदलाव कर दें।'

उन्होंने कहा, 'दोनों एक ही नाव में सवार हैं, एक वो जो सोचते हैं कि एक फिल्म उनका इतिहास बदल सकती है और दूसरे वो जो सोचते हैं कि इतिहास की एक कल्पित कहानी को आज के नारीवाद के अनुरूप बदलकर पेश किया जाना चाहिए।'

यहां पढ़ें स्वरा का पूरा खत

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