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'पद्मावत' से जौहर का सीन हटाने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' से जौहर का सीन हटाने वाली सोशल एक्टिविस्ट स्वामी अग्निवेश की याचिका को खारिज कर दिया।

Updated on: 23 Apr 2018, 11:42 PM

मुंबई:

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' से जौहर का सीन हटाने वाली सोशल एक्टिविस्ट स्वामी अग्निवेश की याचिका को खारिज कर दिया। उनका कहना था कि फिल्म के कुछ सीन जौहर की प्रथा का महिमामंडन करते हैं।

याचिका में फिल्म के प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के खिलाफ FIR दर्ज करने की गुहार भी लगाई गई थी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया।

बेंच में शामिल सीजेआई दीपक मिश्रा समेत जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा, 'एक बार अगर सीबीएफसी ने फिल्म को पास कर दिया है तो फिर सीन को हटाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता है।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लेकिन ये फिल्म सती को बढ़ावा देती है, लोगों को ऐसा करने के लिए उकसा सकती है।

जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या आपने देवदास मूवी देखी है, ये किताब 1934 में लिखी गई थी और उस पुस्तक को लेकर बहुत सारी मूवी बन चुकी हैं। पहले बंगाली और फिर हिंदी में भी, क्या कोई प्रेमी मूवी देखकर शराबी बना है।

अग्निवेश के वकील महमूद प्राचा ने जवाब में कहा कि हां माई लॉर्ड, मैं कुछ ऐसे दोस्तों को जानता हूं जो शराबी बन गए। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने मुस्कराते हुए कहा कि खुद शरत चंद्रा ने कभी शराबी होने को सही नहीं ठहराया।

बता दें कि फिल्म का करणी सेना ने जोरदार विरोध किया था। इसके बाद फिल्म को देश के कुछ शहरों में प्रदर्शित होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में इस फिल्म को बैन कर दिया गया था।

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