जहां फिल्मों में 'रोमांस' को दिया जाता था अलग रूप, जानें RK स्टूडियो का रोचक तथ्य
आरके स्टूडियो देश की किसी धरोहर से कम नहीं है। कपूर खानदान ने इसे बेचने के फैसले से सबको चौंका दिया। कहा जाता है कि आरके स्टूडियो में बनी रोमांटिक फिल्म से लोग खुद को जोड़कर देखते थे।
नई दिल्ली:
आरके स्टूडियो देश की किसी धरोहर से कम नहीं है। कपूर खानदान ने इसे बेचने के फैसले से सबको चौंका दिया। कहा जाता है कि आरके स्टूडियो में बनी रोमांटिक फिल्म से लोग खुद को जोड़कर देखते थे। आरके स्टूडियो राज कपूर का वो सपना था जो 70 सालों तक एक अलग पहचान कायम की।
आरके स्टूडियो के 'लोगो' के पीछे एक रोचक तथ्य जुड़ा हुआ है, जिसे बेहद ही कम लोग जानते हैं। आरके स्टूडियो की पहली सफल फिल्म थी 'बरसात'। इस फिल्म का एक पोस्टर बेहद ही लोकप्रिय हुआ था जिसमें राजकपूर नरगिस को एक बांह से थामे हुए हैं और दूसरे में वॉयलिन ले रखा है।
बॉलीवुड की अन्य खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
आरके स्टूडियो का 'लोगो' भी कुछ ऐसा ही बनाया गया। इसके पीछे एक कहानी है, जो रुस के महान लेखक लियो टॉलस्टॉय से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि जर्मनी के महान कंपोजर और वॉयनलिस्ट बीथोवन ने वॉयलिन का म्यूजिक पीस लिखा था। ये बेहद ही दर्दनाक ट्यून थी। जिस सुनकर टॉलस्टॉय बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने एक प्रेम कहानी लिख दी। जिसमें एक वॉयनिलस्ट एक महिला से बेहद प्यार करता है, लेकिन महिला वॉयनिलस्ट की व्यथा और उसका प्यार सुनने के लिए वक्त नहीं निकालती है। जिससे परेशान होकर प्रेमी अपने प्रेमिका को मार देता है। 19वीं शताब्दी में फ्रांस के एक आर्टिस्ट ने लियो की इस कहानी को सुनी और वॉयलिनिस्ट और महिला की तस्वीर बना डाली। पेटिंग का नाम था kreutzer sonata।
माना जाता है कि राजकपूर ने इस पेंटिंग को देखा और इसका प्रयोग ना सिर्फ बरसात फिल्म के लिए की, बल्कि बाद में आरके स्टूडियो का LOGO बनवा लिया।
और पढ़ें : फिल्मों और एक्टिंग को लेकर मिलिंद सोमन ने कह डाली ये बड़ी बात...
आरके स्टूडियो का इतिहास
- राज कपूर ने 1948 में आरके स्टूडियो बनवाया था। जिस वक्त उन्होंने ये स्टूडियो बनवाया तब राज कपूर की उम्र सिर्फ 24 साल थी।
- आरके स्टूडियो में दो स्टेज हैं। पहले स्टेज की लंबाई 120 फुट और चौड़ाई 80 फुट है। ये एशिया का सबसे बड़ा शूटिंग फ्लोर है।
- आर के स्टूडियो में पहली फिल्म ‘आग’ बनी थी। फिल्म में खुद राजकपूर ने एक्टिंग के साथ फिल्म को डायरेक्ट और प्रोड्यूस भी किया था। लेकिन फिल्म फ्लॉप हो गई।
- 1949 में शोमैन राजकपूर ने नरगिस के साथ बरसात फिल्म बनाई जिसने सफलता के झंडे गाड़ दिए।
- 1988 में फिल्म ‘हीना’ की शूटिंग के दौरान ही राज कपूर का निधन हो गया। राजकपूर के जाने के बाद इस फिल्म को उनके बेटों ने मिलकर पूरा किया और 1991 में रिलीज़ किया।
- 1999 में बनी फिल्म ‘आ अब लौट चलें’, आरके फिल्म्स के तहत बनने वाली आखिरी फिल्म थी।
- 2002 में आई विक्रम भट्ट की ‘राज़’ का क्लाइमैक्स आरके स्टूडियो में ही शूट किया गया था।
- इसके अलावा शाहरुख खान की फिल्म ‘हैप्पी न्यू ईयर’ और ‘जब हैरी मेट सेजल’ के कुछ हिस्सों की भी शूटिंग इस स्टूडियो में हुई थी।
- आरके स्टूडियो में फिल्मों के अलावा त्योहार भी मनाए जाते थे। यहां बॉलीवुड के वो तमाम दिग्गज होली मनाने पहुंचा करते थे। इस स्टूडियो में देश की सबसे बड़ी होली और गणपति विसर्जन मनाया जाता था। अमिताभ बच्चन से लेकर शत्रुघ्न सिन्हा था यहां भांग के नशे में खूब झूमा करते थे।
और पढ़ें : R K स्टूडियो में बनी ये हैं टॉप 10 फिल्में, जिसने दुनिया में बजाया था डंका
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर