2019 ऑस्कर्स में भारत की तरफ से जाएगी फिल्म 'विलेज रॉकस्टार्स'
ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के लिए 28 फिल्मों की सूची बनाई गई थी। इनमें 'पद्मावत', 'राजी', 'हिचकी' और 'पैडमैन' जैसी बड़े बजट की फिल्मों के साथ 'लव सोनिया', 'मंटो', 'कड़वी हवा' और 'गली गुलियां' जैसी फिल्में भी थीं।
मुंबई:
रीमा दास निर्देशित असमिया फिल्म 'विलेज रॉकस्टार्स' ऑस्कर-2019 में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि होगी। इस आशय का ऐलान शनिवार को किया गया। फिल्म को 91वें अकादमी पुरस्कार में भारत के प्रतिनिधित्व के लिए चुने जाने के बाद फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) के सदस्यों ने भारतीय फिल्म उद्योग और सरकार से ऑस्कर अवार्ड के फाइनल राउंड में असमिया फिल्म को प्रमोट करने का आग्रह किया है। समिति के अध्यक्ष व दिग्गज फिल्म निर्माता एस.वी.राजेंद्र सिंह बाबू ने यह घोषणा की।
फिल्म के चयन के बारे में समिति के सदस्यों में से एक अनंत महादेवन ने कहा, 'मानदंडों में से एक यह है कि फिल्म ऐसी हो जो भारतीय जमीन से जुड़ी हो लेकिन जिसका संदेश सार्वभौमिक हो। यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। फिल्म 'विलेज रॉकस्टार्स' को सभी जूरी सदस्यों का वोट मिला। हमें इस फिल्म पर बहुत गर्व है।'
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ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के लिए 28 फिल्मों की सूची बनाई गई थी। इनमें 'पद्मावत', 'राजी', 'हिचकी' और 'पैडमैन' जैसी बड़े बजट की फिल्मों के साथ 'लव सोनिया', 'मंटो', 'कड़वी हवा' और 'गली गुलियां' जैसी फिल्में भी थीं।
चयन समिति में निर्देशक जी. नीलाकांत रेड्डी और शिबोप्रसाद मुखर्जी, सिनेमाटोग्राफर अजयन जोसेफ विन्सेंट और फिल्म संपादक संजय संकला भी शामिल थे।
यह पूछे जाने पर कि आमतौर पर भारतीय फिल्म ऑस्कर के अंतिम दौर तक क्यों नहीं पहुंचती, इस पर एस.वी.राजेंद्र ने कहा, 'कई भारतीय फिल्में वहां पहुंचती हैं लेकिन उनके नियमों और दृष्टिकोणों के कारण हमारी फिल्में योग्य नहीं हो पातीं। यहां से चुनी गई फिल्म को ऑस्कर में उचित रूप से प्रस्तुत किया जाना चाहिए और इसके लिए बहुत अधिक धन की जरूरत है।'
उन्होंने कहा, 'जब कोई फिल्म वहां जाती है, तो हमें इस फिल्म को बढ़ावा देने के लिए कम से कम दो करोड़ की जरूरत होती है, इसे अकादमी के सदस्यों के समक्ष पेश करने के लिए। कई तरह की प्रक्रियाएं होती हैं और हम शायद इसमें असफल रहते हैं।'
उनके अनुसार, इन प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग पूरा करने के लिए पैसों की भारी कमी है।
उन्होंने कहा, 'पिछली बार महाराष्ट्र सरकार ने 'श्वास' (मराठी फिल्म) के लिए एक करोड़ रुपये दिया था। इस बार भी, हम भारत के फिल्म फेडरेशन की तरफ से असम सरकार और केंद्र सरकार को फिल्म के लिए धन योगदान करने के लिए लिखना चाहते हैं।'
महादेवन ने तमाम फिल्म प्रोडक्शन हाउस से फिल्म को बढ़ावा देने के लिए धन का योगदान देने का आग्रह किया। अन्य देशों में सरकारी समर्थन का हवाला देते हुए महादेवन ने कहा, 'अन्य देश बहुत कम फिल्में बनाते हैं और सरकार उन फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए उन्हें आगे ले जाती है।'
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उन्होंने कहा, 'उन देशों की सरकार फिल्म उद्योग की जिम्मेदारी लेती हैं। उनकी सरकारें बड़े मंच पर प्रतिनिधित्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म की सिफारिश करती हैं। दुर्भाग्यवश, हमारी सरकार फिल्म उद्योग की जिम्मेदारी नहीं संभालती।'
'विलेज रॉकस्टार्स' सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी है।
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