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शोखियों में फूलों का शबाब घोलकर दुनिया को अलविदा कह गए गोपालदास 'नीरज', सुनें उनके सदाबहार गानें

'ऐ भाई जरा देख के चलो', 'मेरा मन तेरा प्यासा', 'शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब' और 'हरी ओम हरी' जैसे एक से बढ़कर एक गानें लिखने वाले मशहूर गीतकार गोपालदास 'नीरज' आज हमारे बीच नहीं हैं।

Updated on: 20 Jul 2018, 02:09 PM

नई दिल्ली:

'ऐ भाई जरा देख के चलो', 'मेरा मन तेरा प्यासा', 'शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब' और 'हरी ओम हरी' जैसे एक से बढ़कर एक गानें लिखने वाले मशहूर गीतकार गोपालदास 'नीरज' आज हमारे बीच नहीं हैं।

19 जुलाई 2018 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। अब सिर्फ उनके शब्द ही हमारे पास रह गए हैं। उनके गानों में एक खास बात यह भी होती थी कि वह बहुत बड़े-बड़े मुखड़े लिखते थे। आइये सुनते हैं उनके लिखे शानदार गानें...

गाना: काल का पहिया घूमे भइया!
(साल 1970, फिल्म: चंदा और बिजली)

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गाना: बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं
(साल 1971, फिल्म: पहचान)

गाना: ऐ भाई! जरा देख के चलो
(साल 1972, फिल्म: मेरा नाम जोकर)

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गाना: हरी ओम हरी ओम
(साल 1972, फिल्म: यार मेरा)

गाना: पैसे की पहचान यहां 
(साल 1970, फिल्म: पहचान)

गाना: शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब
(साल 1970, फिल्म: प्रेम पुजारी)

गाना: दिल आज शायर है
(साल 1971, फिल्म: गैम्बलर)

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