टोपियां खरीदने का भी शौक रखते थे अमरीश पुरी, विदेशों में थे 'मौला राम' के नाम से फेमस
अमरीश पुरी के सिर पर हीरो बनने का जुनून सवार था. जिसके चलते उन्होंने कई स्क्रीन टेस्ट दिए
नई दिल्ली:
बुलंद हस्ती, शेर जैसी आवाज और बेबाक अंदाज के मालिक अमरीश पुरी आज हम लोगों के बीच नहीं हैं, लेकिन रुपहले पर्दे पर विलेन के रूप को एक अलग पहचान देने वाले मोगैंबो ने लोगों के दिलों पर अपनी छाप इस कदर छोड़ी कि हिंदी सिनेमा में कोई उनकी जगह नहीं ले सकता. आज हम आपको अमरीश पुरी की जिंदगी के उन उतार-चढ़ावों से रूबरू कराएंगे..जो बेहद कम लोग जानते हैं.
अमरीश पुरी का जन्म नवांशहर जलंधर, पंजाब की जमीन पर साल 1932 में हुआ था. उनकी जिंदगी और फिल्मी करियर बेहद ही रोचक रहा. आपको यह जानकर हैरानी होगी की अमरीश पुरी ने 40 साल की उम्र में हिंदी सिनेमा में कदम रखा. उन्होंने फिल्म शेरा से हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरूआत की और उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपने फिल्मी करियर में लगभग 400 फिल्में की.
अमरीश पुरी के सिर पर हीरो बनने का जुनून सवार था. जिसके चलते उन्होंने कई स्क्रीन टेस्ट दिए, लेकिन वह इसमें पास नहीं हो पाए. जिसके बाद उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ लेबर में काम करना शुरू किया, लेकिन इस बीच वह एक्टिंग को नहीं भूल पाए और उन्होंने स्टेज पर एक्टिंग और फिल्म पर्दे पर विलेन के रूप में काम करना शुरू किया.
बता दें यह वो समय था जब वह अभिनेता के रूप में निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फिल्मों से वह अपनी पहचान बनाने में तो कामयाब हुए, लेकिन इसके बावजूद वह और कुछ खास करना चाहते थे. फिर एक दिन शेखर कपूर की फिल्म मिस्टर इंडिया ने उनका सपना पूरा कर दिया. उन्हें फिल्म में मोगैंबो का किरदार मिला, इस किरदार के लिए पहले अभिनेता अनुपम खेर को चुना गया था. फिल्म के कुछ सीन शूट किए जा चुके थे, लेकिन अनुपन खेर के पास उस दौरान और भी बड़े प्रोजैक्ट थे. जिसके चलते वह उन प्रोजेक्ट्स में बिजी हो गए. और बाद में यह रोल अमरीश पुरी को मिला. उन्होंने बतौर विलेन इस किरदार में इतनी जान डाली कि बॉलीवुड के सबसे बड़े खलनायक बन गए. और आज भी लोग उनके इस किरदार को नहीं भूल पाए हैं.
अमरीश पुरी ने अपनी एक्टिंग से देश के लोगों को ही नहीं बल्कि विदेशियों को भी अपना कायल बना लिया था, विदेश में लोग अमरीश को मोला राम के नाम से जानते थे. दरअसल साल 1984 में स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म इंडियाना जोन्स एंड दा टेंपल ऑफ डू में मोला राम की किरदार निभाया था. इतना ही नहीं इस फिल्म में अमरीश ने अपना लुक बदलने के लिए सिर भी मुंडवा दिया था. बता दें स्पीलबर्ग हमेशा कहा करते थे कि अमरीश पुरी उनके सबसे पसंदीदा विलेन हैं.
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अमरीश पुरी के बारे में एक बात और कही जाती है कि अमरीश को टोपियों का बहुत शौक था. वह जहां भी जाते थे वहां से टोपियां खरीद लाते थे. और उन्हें बड़े शौक से पहनते थे. कहा जाता है कि उनके घर आज भी उनकी बहुत सी टोपियों को संग्रहित करके रखा गया है.
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