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Birthday special: 35 साल पहले हुआ था अमिताभ बच्चन का पुर्नजन्म

यही वह फिल्म है, जिसकी शूटिंग के दौरान अमिताभ मौत के मुंह में गए थे और पत्नी जया बच्चन और लोगों की दुआओं से वह जिंदगी की जंग जीतने में सफल रहे।

Updated on: 11 Oct 2017, 08:41 AM

नई दिल्ली:

बॉलीवुड के मेगास्टार अमिताभ बच्चन का आज (11 अक्टूबर) 75वां जन्मदिन है। हालांकि कुछ दिन पहले उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया था कि इस बार वह अपना जन्मदिन नहीं मना रहे हैं। ​लेकिन बिग बी के फैंस कहां मानने वाले हैं, वह तो हर वर्ष उनकी लंबी उम्र और सक्सेस की दुआ करते नहीं थकते हैं। फैंस के प्यार और प्रार्थनाओं का ही असर है, जो वह मौत के मुंह से भी बाहर निकलकर आ गए।

जी हां, उसे आप बॉलीवुड के शहंशाह​ का पुर्नजन्म भी कह सकते हैं। 2 अगस्त 1982 को 'शोले' फिल्म के अभिनेता का नया जीवनदान मिला था, इस दिन को फैंस उनके दूसरे जन्मदिन के रूप में भी मनाते हैं।

आज हम आपको बिग बी का बर्थडे पर 'कुली' फिल्म की शूटिंग के दौरान उनको लगी चोट और इसके बाद मिले नये जीवन के बारे में बताने जा रहे हैं।

सदी के महानायक का तमगा ​हासिल करने वाले अमिताभ ने अपने फिल्मी करियर में बॉलीवुड को कई यादगार और शानदार फिल्में दी हैं। 'कुली' फिल्म भी उन्हीं ​यादगार फिल्मों में शुमार है, जिसने उन्हें नायक से महानायक बना दिया।

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यही वह फिल्म है, जिसकी शूटिंग के दौरान अमिताभ मौत के मुंह में गए थे और पत्नी जया बच्चन और लोगों की दुआओं से वह जिंदगी की जंग जीतने में सफल रहे।

इस फिल्म ने 'महाभारत' में दुर्योधन का किरदार निभाने वाले अभिनेता पुनीत इस्सर को रियल लाइफ का विलेन बना दिया था। हालांकि अमिताभ के शरीर से खून की एक बूंद भी नहीं निकला था, लेकिन 3 दिन बाद जब डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए उनका पेट चीरा तो व​ह देखकर हैरान हो गए थे।

क्या था सीन

मशहूर लेखक यासिर उस्मान की किताब 'रेखा कैसी पहेली ज़िदगानी' में 'कुली' फिल्म के उन तमाम पहलुओं का सिलसिलेवार ढ़ग से वर्णन किया गया है, जिसे हर कोई नहीं जानता है। 26 जुलाई 1982 को हुए इस हादसे को पूरे 35 साल हो गए हैं, लेकिन बिग बी के दीवानों के दिल में आज भी वो कड़वी यादें ज़िदा हैं, जब अमिताभ मौत के मुंह से लौटकर बाहर आए थे।

बेंगलुरु (पहले बैंगलौर) में 'कुली' की शूटिंग के दौरान अमिताभ को जिस विलेन की पिटाई करनी थी, वह इंडस्ट्री के नए कलाकार पुनीत इस्सर थे। पुनीत मार्शल आर्ट्स में चौथी डिग्री की ब्लैक बैल्ट हासिल कर चुके थे। फिल्म के बेहद ही आसान से सीन के लिए अमिताभ सात बार रिहर्सल कर चुके थे।

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फिल्म के इस एक्शन सीन में पुनीत अमिताभ के मामा को मारते हैं, तभी अमिताभ मामा को बचाने के लिए मैदान में कूद पड़ते हैं। आखिरी फाइट सीन में पुनीत का घूंसा अमिताभ के मुंह पर लगना था, जिससे वो टेबल पर लुढकते हुए गिरते हैं, ये सीन डुप्लीकेट से फिल्माया जाना था, लेकिन अमिताभ इसे खुद करने पर जोर दे रहे थे, ताकि सीन रियल लगे। उस दौरान अमित साहब को बेहद गंभीर चोटें आई थीं। योजना के अनुसार अमिताभ के मुंह पर घूंसा पड़ते ही वह स्टील की टेबल पर गिरे और लुढ़कते हुए दूसरी ओर जा गिरे।

इस सीन पर अमिताभ मुस्कुराए, लेकिन तभी उनके पेट में हल्का दर्द शुरू हुआ। अमिताभ ने बताया कि टेबल का कोना उनके पेट में बुरी तरह चुभा है। इसके बाद उन्हें डॉक्टरों को दिखाया गया, जिन्होंने कहा की उनकी आंत फट गई है और ये खबर सुर्खियों में आने के बाद मानों पूरा देश सदमे में आ गया हो और सभी अमिताभ की सलामती की दुआ मांगने में जुट गए थे।

इस हादसे की खबर सुनकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे और अमिताभ के मित्र राजीव गांधी ने अमेरिका जाने का प्लान रद्द कर तुरंत उनकी खबर लेने भारत आ गए थे। उस दौरान अस्पताल में तमाम नामी गिरामी हस्तियों को अमित साहब से मिलने दिया जा रहा था, सिवाय रेखा के।

बता दें कुछ समय बाद अमिताभ की सेहत में काफी सुधार हुआ और 14 नवंबर 1983 को 'कुली' फिल्म रिलीज हो गई। फिल्म ने कामयाबी की नई इबारत लिखी और इसके साथ ही पुनीत इस्सर राष्ट्रीय विलेन बन गये और उन्हें इंडस्ट्री में ना के बराबर काम मिलने लगा।

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