video: मैडम तुसाद म्यूजियम में आशा भोंसले ने किया अपनी ही प्रतिमा का उद्घाटन
यह अनोखा म्यूजियम 1 दिसंबर को खुलेगा। आशा भोेंसले ने अपने ट्विटर हैंडल पर अपने मोम के पुतले की तस्वीरें शेयर की हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है।
नई दिल्ली:
दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित रीगल बिल्डिंग में जल्द ही आपको मैडम तुसाद वैक्स म्यूजियम में सुरों की मलिका आशा भोंसले का मोम का पुतला नजर आएगा। आशा भोंसले ने मंगलवार को म्यूजियम में रखे जाने के लिए अपने मोम के पुतले का खुद उद्घाटन किया।
यह अनोखा म्यूजियम 1 दिसंबर को खुलेगा। आशा भोेंसले ने अपने ट्विटर हैंडल पर अपने मोम के पुतले की तस्वीरें शेयर की हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है।
इस दौरान उन्होंने कहा, 'अपने पुतले को देखकर मुझे ऐसा लग रहा है कि मानो मैं खुद को आइने में देख रही हूं। पिछले दिनों जब मैडम तुसाद के ऑफिशल्स मेरे घर पर मेरा मोम का पुतला बनाने के लिए नाप लेने आए थे तो मुझे पक्का यकीन नहीं था कि वे मेरा पुतला बनाएंगे। हाल ही में मेरे बेटे ने बताया कि मेरा पुतला बनकर तैयार है और हमें उसके उद्घाटन के लिए दिल्ली जाना है।'
Unveiling my wax figure at Madame Tussaud’s pic.twitter.com/4J38NE5Ejm
— ashabhosle (@ashabhosle) October 3, 2017
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दिल्ली के मैडम तुसाद संग्रहालय को यूरोप के मर्लिन एंटरटेनमेंट द्वारा शुरू किया जा रहा है। इसमें बॉलीवुड, हॉलीवुड, खेल, इतिहास और राजनीतिक हस्तियों के मोम के पुतले लगाए जाएंगे।
My Madame Tussaud’s wax figure from up close pic.twitter.com/jqrLhnL4Qr
— ashabhosle (@ashabhosle) October 3, 2017
बता दें आशा भोंसले हिंदी फिल्म जगत की मशहूर पार्श्व गायिका हैं। वह फिल्म इंडस्ट्री में आशा ताई के नाम से जानी जाती हैं। इन्होंने शास्त्रीय संगीत, गजल और पॉप संगीत हर क्षेत्र में अपनी आवाज का जादू बिखेरा है।
— ashabhosle (@ashabhosle) October 3, 2017
आशा भोंसले ने अब तक के अपने फिल्मी सफर में 16000 गानों में अपनी आवाज दी है। वह सिर्फ हिंदी में नहीं बल्कि मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषायों में गाने गाती हैं।
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आशा भोंसले जी के गायिकी के कैरियर में नया दौर (1957), तीसरी मंजिल (1966), उमराव जान (1981) और रंगीला (1995) फिल्में मिल का पत्थर साबित हुईं। मो. रफी के साथ गाए उनके गीत मांग के हाथ तुम्हारा, साथी हाथ बढ़ाना और उड़े जब जब जुल्फे तेरी ने एक खास पहचान दी।
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