logo-image

अनुपम खेर ने विलेन से लेकर कॉमेडियन तक हर रोल में छोड़ी अपनी छाप, हर किरदार में डाला दम

पद्म भूषण से सम्मानित दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर पुणे स्थित प्रतिष्ठित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (FTII) को नए अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है।

Updated on: 11 Oct 2017, 07:56 PM

नई दिल्ली:

पद्म भूषण से सम्मानित दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर पुणे स्थित प्रतिष्ठित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (FTII) को नए अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। फिल्म इंडस्ट्री ने इस कदम की सराहना की है।

अनुपम खेर ने विवादस्पद गजेंद्र चौहान ली, जिनकी नियुक्ति के बाद छात्रों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था।

अभिनेता अनुपम खेर ने अपने सिनेमाई सफर की शुरुआत 1984 में फिल्म 'सारांश' के साथ की थी। इसके साथ ही उनका एक एक्टिंग इंस्टिट्यूट भी है, जहां एक्टर्स तैयार किए जाते हैं।

पद्म भूषण से सम्मानित खेर पिछले तीन दशकों से हिंदी फिल्मों में सक्रिय हैं। उन्होंने 'सारांश', 'तेजाब', 'क्या कहना' और 'सिल्वर लाइनिंग प्लेबुक' जैसी फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय की छाप छोड़ी है।

किरण खेर ने जाहिर की ख़ुशी

अभिनेत्री और चंडीगढ़ से बीजेपी संसद किरण खेर ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं। हां यह काम किसी के लिए भी एक चुनौती हैं। यह कोई आसान काम नहीं है। यह अध्यक्षता काटों का ताज है। मेरे पति एक बहुत अच्छे अभिनेता हैं। वह कई वर्षों से फिल्म उद्योग में रहे हैं। वह बहुत ही सक्षम हैं।'

किरण ने कहा, 'वह इतने लंबे समय से अभिनय सिखा रहे हैं। वह एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जो इसके पहले सीबीएफसी, फिर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का नेतृत्व कर चुके हैं, और अब एफटीआईआई का अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं।'

और पढ़ें: Birthday Special: रंग बरसे, बागबान से लेकर सुने अमिताभ बच्चन की दमदार आवाज में ये सदाबहार गाने

अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों में भी कर चुके है काम

61 वर्षीय अभिनेता कई फिल्मों के अलावा कई नाटकों में भी काम कर चुके हैं। अनुपम खेर ने साल 2002 में गोल्डन ग्लोब के लिए नामांकित 'बेंड इट लाइक बेकहम', 'लस्ट, कॉशन' और 'सिल्वर लाइनिंग्स प्लेबुक' जैसी इंटरनेशनल फिल्मों में भी नजर चुके हैं।

दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर सारांश, डैडी, राम-लखन, लम्हे, खेल, दीवाने, दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे और मैंने गांधी को मारा सरीखी फिल्मों में अपनी दमदार अदाकारी और अभिनय के लिए जाने जाते हैं।

अनुपम को सिनेमा और कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए वर्ष 2004 में पद्मश्री और वर्ष 2016 में पद्मभूषण से नवाजा किया जा चुका है।

अनुपम फिल्म जगत के साथ राजनीतिक जगत में भी काफी सक्रिय है।

अनुपम खेर कश्मीरी पंडित है। अनुपम खेर ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग का कोर्स कर रखा है और उनके लिए फिल्मों में शुरुआत मिलना आसान नहीं था संघर्ष के दिनों में जब वे मुंबई आए तो उन्हें प्लेटफॉर्म पर सोना तक पड़ा था

उन्होंने साल 1982 में फिल्म 'आगमन' से बॉलीवुड में डेब्यू किया लेकिन 1984 में आई फिल्म 'सारांश' ने उन्हें असली पहचान दिलाई।

और पढ़ें: VIDEO: शराबी, शहंशाह से लेकर सुने अमिताभ बच्चन की शानदार फिल्मों के गाने

बॉलीवुड के साथ-साथ वो अमेरिकन, ब्रिटिश और चाइनीज फिल्मों में भी अपना अभिनय का लोहा मनवा चुके है। अनुपम खेर ने ज्यादातर कॉमेडी फिल्में की है। एक्टिंग के साथ उन्होंने फिल्म ॐ जय जगदीश से डायरेक्शन में भी कदम रखा। उनकी इंटरनेशनल फिल्म 'बेंड इट लाइक बेकहम' को साल 2002 में गोल्डन ग्लोब के लिए नॉमिनेट किया गया था

अपने अभिनय के लिए पहचाने जाने वाले अनुपम खेर पहले एक्टर हैं जिन्होंने कॉमेडी रोल के लिए 5 बार फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया।

मंजिल पर पहुंचना आसान नहीं था उन्होंने इस मुकाम तक  पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत और काफी स्ट्रगल किया। अभिनेता अनुपम खेर की गिनती इंडस्ट्री के दिग्गज एक्टर्स में की जाती है। उन्होंने करीब 500 फिल्मों में काम किया है

अपने दम पर पहचान बनाने वाले अनुपम खेर 'वेडनसडे', '1942- लव स्टोरी', 'स्पेशल 26',  'राम लखन' , 'विजय', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'दिल', 'सौदागर', 'हम आपके हैं कौन' और 'चाहत'। ये वो फिल्में है जिनमे उनके नाम के बिना ये बेहतरीन फिल्मों की फेहरिस्त पूरी नहीं कही जा सकती।

और पढ़ें: अमिताभ बच्चन बर्थडे: जब पूर्व मुख्यमंत्री को पौने दो लाख वोटों से हराया था बिग बी ने