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लालू के आरोपों के बाद नीतीश बोले- प्राइवेट सेक्टर में भी हो आरक्षण

कुछ ही दिन पहले लालू यादव ने नीतीश को आरक्षण पर घेरते हुए उन्हें इसका विरोधी बताया था। लालू ने कहा था कि नीतीश दलित और वंचित वर्गों की बात नहीं सुनते हैं।

Updated on: 06 Nov 2017, 10:43 PM

highlights

  • नीतीश ने प्राइवेट कंपनियों में आरक्षण पर बहस की बताई जरूरत
  • लालू ने कुछ दिनों पहले नीतीश पर दलित और वंचित वर्ग की बात नहीं सुनना का आरोप लगाया था
  • नीतीश ने साथ ही कहा कि जो फैसले भी लिए गए वह गठबंधन के सभी लोगों की सहमति से हैं

नई दिल्ली:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय है कि निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू किया जाना चाहिए।

नीतीश ने विपक्ष द्वारा भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोपों पर सफाई देते हुए तथा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा, जो 'भ्रष्टाचार के पुरोधा' हैं, वही आज भ्रष्टाचार पर बोल रहे हैं।

पटना में 'लोक संवाद कार्यक्रम' में भाग लेने के बाद नीतीश ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार में आटसोर्सिग में आरक्षण उसके प्रावधानों के तहत किया गया है।
इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने विरोधियों से कहा कि जिन्हें आरक्षण के विषय में बुनियादी जानकारी नहीं है, वही लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

आरक्षण के विषय में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, 'मेरी व्यक्गित राय है कि आरक्षण सरकारी ही नहीं निजी क्षेत्र में भी दिया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस होनी चाहिए। हमने जो भी फैसले किए हैं, वह बिहार के लोगों की भलाई के लिए किए, यही कारण है कि हम साल साल पहले वाले अपने गठबंधन में फिर लौटे हैं।'

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कुछ दिन पूर्व नीतीश को आरक्षण विरोधी बताया था।

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नीतीश ने अनुसार, 'स्वतंत्रता सेनानी के पोते पोती, नाती नातिन को भी आरक्षण की व्यवस्था हमलोगों ने की है। निजी क्षेत्र में भी आरक्षण हो ये मेरी अपनी राय है और ये देश में आज एक बहस का विषय तो है।'

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने कभी किसी घोटाले-मामले पर पर्दा नहीं डाला। वे भ्रष्टाचार के पुरोधा हैं, इसके बावजूद कुछ भी बोल रहे हैं। सृजन घोटाले को किसने उजागर किया? मैंने उजागर किया। आज तक जितने भी घोटाले सामने आए, मैंने कार्रवाई की। रफा-दफा करने की कोशिश नहीं की।'

लालू प्रसाद ने ट्वीट कर सृजन घोटाला, शौचालय घोटाला और महादलित मिशन विकास घोटाला का जिक्र करते हुए लिखा था कि जेडीयू और बीजेपी गठबंधन के 100 दिन पूरे होने पर तीन बड़े घोटाले सामने आए हैं।

नीतीश कुमार ने एक बार फिर जीएसटी की वकालत करते हुए कहा कि लोग जीएसटी का विरोध कर रहे लोगों से पूछा जाए कि इसका प्रस्ताव कब आया था। उन्होंने कहा कि पहले वैट आया था और अब जीएसटी लाया गया है।

उन्होंने हालांकि यह माना, 'अभी यह नई प्रणाली है, बदलाव में और समझने में वक्त लगता है, परंतु जीएसटी का विरोध करने का कोई कारण नहीं है।'

नीतीश कुमार ने आरजेडी और जेडीयू में निजी स्तर पर चल रही बयानबाजी पर चिंता प्रकट करते हुए कहा, 'मैंने अपने 47 साल के राजनीतिक जीवन में कभी इतनी घटिया बात नहीं की और ना करूंगा। दरअसल, आदमी जब परेशान होता है, सत्ता से वंचित होता है तो ऐसी बात बोलता है।'

नीतीश ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद को 'भ्रष्टाचार का पुरोधा' बताते हुए कहा कि अपने तो गए ही थे अपने बच्चों को भी नहीं छोड़ा।

लालू प्रसाद का नाम लिए बगैर उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'लोग राजगीर में मेरी समाधि बनवा रहे हैं। मुझे तो खुशी होगी कि मेरी समाधि राजगीर में बने। इससे अच्छी और क्या बात हो सकती है।'

नीतीश ने कहा, 'जो लोग सत्ता से दूर हो गए हैं, उनकी नाराजगी अब झलकने लगी है। बालू माफिया प्रदेश में हावी हो रहे थे। दूसरे गलत काम भी हो रहे थे, इस वजह से मैं महागठबंधन से अलग हुआ।'

उल्लेखनीय है कि लालू ने नीतीश के राजगीर दौरे पर रविवार को तंज कसते हुए कहा था कि उनकी समाधि भी राजगीर में ही बनाई जाएगी।

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