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नीतीश के खिलाफ हमलावर शरद यादव को लालू यादव का साथ, JDU जल्द लेगी एक्शन

बिहार में महागठबंधन टूटने से नाराज चल शरद यादव ने गुरुवार को नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। शरद यादव के इस फैसले को आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव का भरपूर साथ मिल रहा है।

Updated on: 11 Aug 2017, 05:31 AM

highlights

  • शरद यादव बोले, एक सरकारी जनता दल है, जिसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं
  • अपने पूर्व पार्टी अध्यक्ष शरद यादव के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है जेडीयू
  • लालू यादव के समर्थक शरद यादव के साथ दिखे, तीन दिवसीय बिहार दौरे पर हैं यादव

नई दिल्ली:

बिहार में महागठबंधन टूटने से नाराज चल रहे जनता दल (युनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने गुरुवार को नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। शरद यादव के इस फैसले को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू यादव का भरपूर साथ मिल रहा है।

वहीं जेडीयू शरद यादव के खिलाफ जल्द कार्रवाई कर सकती है। जेडीयू महासचिव और राज्यसभा सांसद केसी त्यागी ने कहा, 'शरद यादव पार्टी लाइन का उल्लंघन न करें और पार्टी के मंच पर अपनी बात कहें।'

पीटीआई से बात करते हुए त्यागी ने कहा, 'पार्टी शरद यादव की गतिविधि पर नजदीक से नजर बनाई हुई है।' वहीं जेडीयू नेता नीरज कुमार ने शरद यादव के बिहार दौरे को 'आरजेडी स्पॉन्सर्ड प्रोग्राम' करार दिया।

'सरकारी जनता दल के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं'

अपने तीन दिवसीय बिहार दौरे पर गुरुवार को पटना पहुंचे शरद यादव का आरजेडी कार्यकर्ता और उनके करीबियों ने स्वागत किया। आरजेडी कार्यकर्ता शरद यादव के साथ सोनपुर, हाजीपुर और सराय में भी साथ रहे।

शरद यादव ने कहा कि वोट और वोटर लोकतंत्र के इंजन हैं और इन्हें तोड़ना लोकतंत्र को तबाह करना है। उन्होंने कहा कि एक गठबंधन तोड़ना और जिसके खिलाफ जनादेश मिला, उस पार्टी से गठबंधन कर फिर सरकार बना लिए जाने की घटना के कारण लोकतंत्र के विश्वास पर संकट उत्पन्न हो गया है।

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पटना के बाद शरद ने सारण जिले के सोनपुर और वैशाली जिले के हाजीपुर, सराय सहित कई स्थानों पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'एक सरकारी जनता दल है, जिसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, एक जनता का जनता दल है, जिसके साथ बिहार की जनता है।'

नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास तोड़ा गया है। 11 करोड़ लोगों का विश्वास टूटा है। हम इस मुद्दे को लेकर सड़क पर लड़ेंगे।

जेडीयू के नेता ने आगे कहा, 'बिहार में लोगों के विश्वास पर आघात हुआ है। इससे मुझे भी दुख पहुंचा है। जनता की राय से जो गठबंधन बना था और जनता से जो करार किया गया था, उसके साथ विश्वासघात हुआ है।'

उन्होंने कहा कि आज से तीन दिनों तक वह जनता के बीच जाएंगे और उनसे इस विषय पर बात करेंगे। यादव ने कहा कि इस दौरे की सूचना जनता दल के वरिष्ठ कुछ सहयोगियों को छोड़कर किसी को नहीं दी गई है और न ही इसे लेकर कोई तैयारी की गई है।

शरद यादव अपने दौरे के क्रम में मुजफ्फरपुर, मधुबनी और मधेपुरा जाने वाले हैं।

इससे पहले, पटना हवाईअड्डा पहुंचने पर शरद के समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इन मौकों पर हालांकि जद (यू) के कार्यकर्ताओं की संख्या कम दिखी, लेकिन सभी जगह राजद के कार्यकर्ताओं ने मुकम्मल तैयारी कर रखी थी।

कई स्थानों पर शरद के समर्थकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी भी की। बिहार के पूर्व मंत्री रमई राम भी शरद के साथ दिखे। सत्ताधारी जेडीयू ने शरद के इस दौरे से किनारा कर लिया है।

शरद यादव के बिहार दौरे और उनके बयानों से स्पष्ट है कि उन्होंने नीतीश से दूरी बना ली है और अपनी राह अलग कर ली है। नीतीश के महागठबंधन तोड़ने के कारण जेडीयू भी टूट चुका है। शरद समर्थक गुजरात के विधायक ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अहमद पटेल को वोट दिया, जिससे पटेल को राकने में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह विफल हो गए।

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(इनपुट IANS से भी)