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Exclusive : चिराग पासवान बोले, मैं वंशवाद का हिस्सा हूं, लेकिन इससे ज्यादा आपके पास काबलियत होनी चाहिए

आगामी 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए काम करूंगा. राज्य में 200 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाऊंगा

Updated on: 29 May 2019, 06:43 PM

नई दिल्ली:

लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और जमुई सांसद चिराग पासवान ने न्यूज नेशन से खास बातचीत की. उन्होंने हर सवाल पर बेबाक से जवाब दिए. उन्होंने एनडीए की प्रचंड जीत पर कहा कि यह एनडीए और साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी की बड़ी जीत है. बिहार की राजनीति पर हर सवाल पर सही से जवाब दिए. उन्होंने एक बार फिर साफ किया कि वह कैबिनेट मंत्री नहीं बनेंगे. रामबिलास पासवान ही कैबिनेट मंत्री बनेंगे. आगामी 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए काम करूंगा. राज्य में 200 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाऊंगा.

क्या चिराग पासवान कैबिनेट मंत्री बनने जा रहे हैं

2019 के केंद्रीय मंत्री में शामिल होने पर उन्होंने साफ किया कि वह मंत्री पद नहीं संभालेंगे. बिहार में 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी करूंगा. बिहार में 200 से अधिक सीटें जीतना हमारा उद्येश्य है. बिहार में 200 प्लस सीट लाकर सरकार बनाएंगे. उन्होंने कहा कि मंत्रीमंडल में जाकर कार्यशैली धीमी हो जाती है. मंत्रालय की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है. अभी मैं पार्टी, पार्टी संगठन और आने वाले चुनाव पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहूंगा.

राज्यसभा के लिए किस राज्य से पासवान जाएंगें

रामविलास जी के नाम पर पहले असम की सीट आ रही थी. राज्यसभा के लिए अब बिहार से रविशंकर प्रसाद की सीटें खाली हुई हैं. उस सीट को लेकर चर्चा चल रही है.

क्या चिराग पासवान वंशवाद का हिस्सा है

वंशवाद पर चिराग पासवान ने कहा कि मैं भी वंशवाद का हिस्सा हूं. मैं वंशवाद पर ज्यादा कुछ कह नहीं कहना चाहता हूं. वंशवाद से ज्यादा आपकी काबलियत पर चीजें निर्भर करता है. अगर काबलियत नहीं है, पोटेनशियल नहीं है तो आप कितने भी बड़े नेता के सुपुत्र या सुपुत्री हो आप कुछ नहीं कर पाएंगें. उसका उदाहरण मीसा भारती है.

रामबिलास पासवान को कौन सा मंत्रालय मिलने की संभावना है

रामबिलास पासवान के मंत्रालय मिलने पर चिराग पासवान बोले कि हम कभी मंत्रालय पर नहीं सोचते हैं. जो भी मिलेगा नहीं मिलेगा हमें चिन्ता नहीं है.

क्या राहुल गांधी को इस्तीफा देना चाहिए

राहुल गांधी के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि राहुल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. बड़ी बात ये है कि क्या देश की सबसे पुरानी पार्टी के पास एक भी नेता नहीं जो नेतृत्व कर सकें.