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बिहार में 'माननीयों' के आए अच्छे दिन, वेतन-भत्ता बढ़ा, नीतीश कुमार कैबिनेट ने दी मंजूरी

बिहार मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में राज्य के विधायकों और विधान पार्षदों का वेतन और भत्ता के वृद्धि प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.

Updated on: 21 Nov 2018, 09:36 AM

पटना:

बिहार मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में राज्य के विधायकों और विधान पार्षदों का वेतन और भत्ता के वृद्धि प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में विधायकों और विधान पार्षदों के नए वेतन और उनके पेंशन के वृद्धि के प्रस्ताव सहित कुल चार प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई.

एक आधिकरिक बयान में कहा गया कि विधायक और विधान पार्षदों के मूल वेतन में करीब 30 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. अब विधायकों को 30 हजार के स्थान पर 40 हजार रुपये वेतन मिल सकेगा, जबकि क्षेत्रीय भत्ता के रूप में 45 हजार रुपये की जगह अब प्रतिमाह 50 हजार मिलेंगे.

वाहन खरीदने के लिए अब 'माननीयों' को मिलने वाली 10 लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर 15 लाख रुपये अग्रिम के तौर पर मिल सकेगा. इस सुविधा के अलावा स्टेशनरी खरीदने के लिए और निजी सहायक रखने की राशि में भी वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

माननीयों को रेल और विमान किराया मद में भी अब प्रतिवर्ष दो लाख के स्थान पर तीन लाख रुपये मिलेंगे. इन माननीयों के आवास भत्ते में भी वृद्धि की गई है. इस बैठक में द्वितीय अनुपूरक बजट प्रारूप को मंजूरी दे दी है. इसे अब विधानमंडल से पारित कराया जाएगा.

राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य के सभी विश्वविद्यालय और अंगीभूत कॉलेज से सेवानिवृत्त शिक्षकों, शिक्षकेतरकर्मियों को चिकित्सा भत्ता देने का फैसला किया है. पेंशन और पारिवारिक पेंशन का लाभ ले रहे शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों को एक अगस्त, 2014 के प्रभाव से दो सौ रुपये प्रतिमाह की दर से चिकित्सा भत्ता दिया जाएगा.

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मंत्रिमंडल ने जुबेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के प्रावधानों के तहत जुबेनाइल से जुड़े मामलों की मॉनिटरिंग के लिए अपर जिला निबंधक जिला न्यायाधीश कोटि का एक और रिसर्च ऑफिसर सिविल जज के एक सहित कुल दो पद सृजन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है.