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दलित अधिकार की जगह हम गोरक्षा और राम मंदिर में व्यस्त हैं: जेडीयू नेता

जेडीयू नेता उदय नारायण चौधरी ने गुरुवार को राज्य और केंद्र सरकार पर तंज करते हुए कहा कि इस समय निचली जातियों के अधिकार के मुद्दे पर बात होनी चाहिए लेकिन हम गौरक्षा और राम मंदिर में व्यस्त हैं।

Updated on: 02 Nov 2017, 03:11 PM

नई दिल्ली:

बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में एक बार फिर घमासान शुरू हो सकता है।

विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और जेडीयू के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी ने गुरुवार को राज्य और केंद्र सरकार पर तंज करते हुए कहा कि इस समय निचली जातियों के अधिकार के मुद्दे पर बात होनी चाहिए लेकिन हम गोरक्षा और राम मंदिर में व्यस्त हैं।

उन्होंने कहा, 'प्रमोशन में आरक्षण खत्म करना दलित, आदिवासी और ओबीसी के लिए बड़ा झटका है।'

आपको बता दें की बिहार में हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जेडीयू की गठबंधन सरकार बनी है। बीजेपी के एजेंडे में राम मंदिर का निर्माण रहा है।

इससे पहले चौधरी और जेडीयू नेता श्याम रजक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि वंचित समाज को मुख्यधारा में लाने का डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी का जो सपना था, वह देश की आजादी के सात दशक बाद भी पूरा नहीं सका है।

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दोनों नेताओं ने कहा था कि वंचित समाज आज भी कूड़े के ढेर से अनाज चुनकर पेट की भूख मिटा रहा है। उन्होंने कहा कि आज भी इन लोगों को आरक्षण का सही लाभ नहीं मिल सका है। दोनों नेताओं ने अपनी ही सरकार को इशारो-इशारों में दलित विरोधी बताया।

इसके बाद जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कड़े तेवर दिखाते हुए कहा है कि किसी भी नेता को अगर कोई परेशानी हो तो उसे पार्टी फोरम में अपनी बात रखनी चाहिए।

आपको बता दें की जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों के बीच एकता के प्रयास में जुटे हैं। उन्होंने बागी तेवर तब अपना लिया था, जब नीतीश ने बिहार में महागठबंधन को मिले जनादेश को ताक पर रखते हुए अचानक बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।

लालू ने ली चुटकी

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जेडीयू के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक और उदय नारायण चौधरी के बयानों को सही ठहराते हुए कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार हो या बिहार में नीतीश की सरकार, दोनों आरक्षण समाप्त करना चाहते हैं।

बुधवार को लालू ने कहा कि नीतीश सरकार दलितों, पिछड़ों की आवाज नहीं सुनती है। लालू ने कहा, 'बीजेपी आरक्षण की समीक्षा करने की बात करती है और नीतीश कुमार 'घुड़की' मारकर बैठे हुए हैं। नीतीश आरक्षण विरोधी आदमी हैं।'

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