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बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने लिखी 'लालू-लीला', 300 पन्नों की किताब का जेपी जयंती पर विमोचन

किताब का नाम 'लालू-लीला' है। 11 अक्टूबर को लोकनायक जय प्रकाश नारायण का जन्मदिन है। इस किताब ने सुशील मोदी ने लालू यादव द्वारा अरबों रुपये की संपत्ति बनाने की भूख के बारे में जिक्र किया है।

Updated on: 09 Oct 2018, 05:05 PM

पटना:

बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर एक 300 पन्नों की किताब लिखी है जिसका 11 अक्टूबर को विमोचन होना है। किताब का नाम 'लालू-लीला' है। 11 अक्टूबर को लोकनायक जय प्रकाश नारायण का जन्मदिन है। इस किताब ने सुशील मोदी ने लालू यादव द्वारा अरबों रुपये की संपत्ति बनाने की भूख के बारे में जिक्र किया है। इसके अलावा किताब में लालू यादव के भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार, बेनामी संपत्ति और अन्य तरीके से बनाई गई संपत्तियों का खुलासा किया है।

किताब के पिछले हिस्से के कवर पर लालू यादव की राजनीतिक करियर के दौरान उनके कथित कारनामों के बारे में सुशील मोदी ने लिखा है। कवर पर लिखा है, 'लालू प्रसाद ने विधायक, पार्षद, सांसद और मंत्री बनाने के एवज में जहां रघुनाथ झा, कांति सिंह जैसे अनेक नेताओं से जमीन-मकान दान में लिखवा लिए, वहीं भ्रष्टाचार से कमाए काले धन को सफेद करने के लिए बीपीएल श्रेणी के ललन चौधरी, रेलवे के खलासी हृदयानंद चौधरी तथा भूमिहीन प्रभुनाथ यादव, चंद्रकांता देवी, सुभाष चौधरी तक से नौकरी, ठेका या अन्य लाभ पहुंचाने के एवज में कीमती जमीन-मकान दान के जरिए हासिल कर लिए।'

सुशील मोदी की किताब के मुताबिक, 'लालू परिवार ने अपने रिश्तेदारों को भी बेनामी संपत्ति हासिल करने का माध्यम बनाया। भाई के समधियाने, अपनी ससुराल, बेटी के ससुराल के रिश्तेदारों के नाम से पहले अपने काले धन से जमीन-मकान खरीदे और बाद में पत्नी, बेटों व बेटियों के नाम गिफ्ट करवा दिए।'

'लालू-लीला' के बैक कवर पर लिखा है, 'ऐसे करीब एक दर्जन मामले उजागर हुए हैं, जिनमें लालू परिवार ने करोड़ों की संपत्ति कौड़ियों के दाम पर राजनेताओं, अपने कारिंदों या रिश्तेदारों से दान करवा ली।'

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उन्होंने लिखा है, 'इसके अलावा लालू प्रसाद ने संपत्ति हथियाने में आधा दर्जन से ज्यादा मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल करने में रॉबर्ट वाड्रा को भी मात कर दिया। पत्नी, बेटों, बेटियों के लिए ही नहीं आनेवाली तीन-तीन पीढियों के लिए संपत्ति बटोरने की हवस का नाम है लालू प्रसाद।'

सुशील मोदी के इस किताब के विमोचन के मौके पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधामोहन सिंह, गिरिराज सिंह, राम कृपाल यादव मौजूद होंगे। इसके अलावा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय और बिहार मंत्रिमंडल के अन्य मंत्री शामिल होंगे।

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गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव, सुशील कुमार मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीनों जेपी आंदोलन से निकले हुए नेता हैं। छात्र राजनीति में लालू यादव और सुशील मोदी काफी दिनों तक साथ रहे थे। लालू यादव जब पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे तो सुशील मोदी भी उस वक्त महासचिव चुने गए थे।